
- उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग ने विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों पर सुनवाई की।
- ममता यादव के मामले में वेतन एरियर न मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
- अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश।
- जाति प्रमाण पत्र और दिव्यांग प्रमाण पत्र जैसे मामलों का निस्तारण किया गया।
- बागपत पुलिस के खिलाफ फर्जी मुकदमे की शिकायत पर निष्पक्ष जांच के निर्देश।
लखनऊ, 23 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने सोमवार को इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों पर सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान आयोग ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय लिया और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। अध्यक्ष ने शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया और अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की।
ममता यादव बनाम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ
ममता यादव की शिकायत पर आयोग ने सुनवाई की, जिनकी पुत्री स्वर्गीय अलका यादव, प्राथमिक विद्यालय काकोरी में सहायक अध्यापिका थीं और कोविड काल में उनकी मृत्यु हो गई थी। शिकायत में सातवें वेतन आयोग के एरियर की दूसरी किस्त छह वर्ष बीतने के बावजूद जारी न होने की बात कही गई। आयोग ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और उच्च अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
शिव कुमार बनाम उपजिलाधिकारी, रामसनेहीघाट, बाराबंकी
शिव कुमार के मामले में उपजिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया। अध्यक्ष ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए और गृह विभाग को इस संबंध में पत्र लिखने का निर्णय लिया।
रेखा देवी बनाम उपजिलाधिकारी, सीतापुर
रेखा देवी के जाति प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के मामले में आयोग ने सुनवाई की। उपजिलाधिकारी सीतापुर ने दो वर्षों के बाद प्रमाण पत्र जारी किया। इस देरी के लिए लेखपाल गुफरान को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
रामजी के पुत्र का दिव्यांग प्रमाण पत्र
रामजी के पुत्र को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी ने सुनवाई के दौरान संबंधित सहायक को कार्य से हटा दिया। इस मामले का निस्तारण कर दिया गया।
दीपक कुमार बनाम बागपत पुलिस
दीपक कुमार ने बागपत पुलिस पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक, बागपत को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए और जांच को दूसरे क्षेत्राधिकारी को सौंप दिया।
लाखन सिंह बनाम जिलाधिकारी, सीतापुर
लाखन सिंह के अवैध कब्जा मामले में उपजिलाधिकारी, महमूदाबाद ने आयोग को बताया कि कब्जा हटा दिया गया है। आयोग ने इस प्रकरण को निस्तारित कर दिया।
सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी
अध्यक्ष राजेश वर्मा ने सुनवाई के दौरान अनुपस्थित अधिकारियों पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे शिकायतों का निस्तारण समय पर सुनिश्चित करें और आयोग को इसकी जानकारी दें। आयोग ने स्पष्ट किया कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।