
- वाराणसी में 310 टैक्सी, ऑटो और बस चालकों को विशेष पर्यटन प्रशिक्षण दिया गया।
- प्रशिक्षण में 19 महिला चालकों ने भी भाग लिया, जो महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं।
- चालकों को स्टोरीटेलिंग, सड़क सुरक्षा, प्राथमिक उपचार और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जानकारी दी गई।
- पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा – चालक ही पर्यटकों के सारथी और अनुभव के निर्णायक हैं।
- प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा – प्रशिक्षण से यात्राएं सुरक्षित और यादगार बनेंगी।

वाराणसी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य में पर्यटन सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। वाराणसी में आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 310 ऑटो, टैक्सी और बस चालकों को प्रशिक्षित किया गया। खास बात यह रही कि इनमें 19 महिला चालक भी शामिल हुईं, जो महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित पर्यटन की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत है। यह कार्यक्रम मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित किया गया।
पर्यटन मंत्री का संदेश
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि चालकों का व्यवहार और उनका मार्गदर्शन पर्यटकों के अनुभव को तय करता है। उन्होंने बताया कि “ऑटो, टैक्सी और बस चालक केवल परिवहन सेवा प्रदाता ही नहीं हैं, बल्कि वे पर्यटकों के लिए सारथी की भूमिका निभाते हैं। उनकी सजगता और संवेदनशीलता ही पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनाती है।”
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस पहल का उद्देश्य केवल सुविधा नहीं, बल्कि स्वच्छ, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पर्यटन अनुभव प्रदान करना है।
स्टोरीटेलिंग से पर्यटकों को मिलेगा नया अनुभव
प्रशिक्षण के दौरान चालकों को यह सिखाया गया कि वे वाराणसी और उसके आसपास के धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों की कहानियाँ पर्यटकों को रोचक ढंग से सुनाएँ। स्टोरीटेलिंग की यह कला यात्रा को और दिलचस्प बनाएगी। पर्यटक जब चालक के मुख से स्थानीय किस्से, परंपराएँ और ऐतिहासिक तथ्य सुनेंगे, तो उनकी यात्रा केवल एक सफर न रहकर अविस्मरणीय अनुभव बन जाएगी।
सड़क सुरक्षा और डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर
प्रशिक्षण के दौरान चालकों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की जानकारी भी दी गई।
साथ ही, बढ़ते डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए कैशलेस ट्रांजेक्शन और धोखाधड़ी से बचाव पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। यूपीआई और ऑनलाइन भुगतान को सुरक्षित तरीके से अपनाने की विधि बताई गई।
महिला सहभागिता बनी आकर्षण का केंद्र
310 चालकों में 19 महिला चालकों की मौजूदगी ने इस प्रशिक्षण को खास बना दिया। महिला चालक अब सुरक्षित और संवेदनशील पर्यटन की कमान संभालेंगी। प्रतिभागी महिला चालक रश्मि सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण ने उन्हें न केवल डिजिटल लेनदेन और प्राथमिक उपचार सिखाया, बल्कि यह भी सिखाया कि पर्यटकों को सुरक्षित और स्वागतयोग्य कैसे महसूस कराया जाए।
विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
टैक्सी एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष शैलेन्द्र त्रिपाठी ने धरोहर कथन और स्टोरीटेलिंग पर व्याख्यान दिया। सचिव अमन आनंद चतुर्वेदी ने चालक आचरण और पर्यटन संवेदनशीलता पर मार्गदर्शन दिया।
यातायात निरीक्षक ने सड़क सुरक्षा व यातायात नियमों पर जानकारी साझा की। वहीं पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक पावस प्रसून शर्मा ने स्थानीय परंपराओं और राष्ट्रीय मानकों को जोड़ने पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।
पर्यटन विकास में सामुदायिक भागीदारी
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में उनकी सुरक्षा, सुविधा और अनुभव सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनिश्चित करेंगे कि पर्यटक न केवल यात्रा करें, बल्कि अपने साथ अविस्मरणीय यादें लेकर जाएँ।
वाराणसी में आयोजित यह प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पर्यटन विकास की दिशा में मील का पत्थर है। महिला चालकों की भागीदारी, स्टोरीटेलिंग, सड़क सुरक्षा और डिजिटल ट्रांजेक्शन पर फोकस यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग प्रदेश को सुरक्षित, स्मार्ट और आकर्षक टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है।