
- पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने 43 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट कार्य योजना का विमोचन किया।
- 58,000 ग्राम पंचायतों के लिए SOP और अयोध्या सिटी क्लाइमेट एक्शन प्लान का भी विमोचन हुआ।
- मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसे ग्रामीण जलवायु कार्यवाही को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम बताया।
- कृषि विभाग और पर्यावरण विभाग के सचिवों ने जलवायु परिवर्तन के प्रति सक्रिय कदम उठाने पर जोर दिया।
- वसुंधा फाउंडेशन ने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की योजना बनाई।

लखनऊ, 19 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने आज लखनऊ स्थित ताज होटल में आयोजित एक समारोह में 43 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट कार्य योजना का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की 58,000 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट ग्राम पंचायत कार्य योजना (CSGPAP) के विकास हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और अयोध्या के लिए सिटी क्लाइमेट एक्शन प्लान का भी विमोचन किया गया।
श्री राजभर ने इसे उत्तर प्रदेश को सतत और क्लाइमेट स्मार्ट बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती अब दूर नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन, समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्र को सीधे प्रभावित कर रही है। उन्होंने जलवायु लचीलापन और कार्यवाही को नीति में शामिल करने के महत्व पर बल दिया, ताकि संतुलित विकास और पर्यावरणीय सामंजस्य सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पंचायतीराज विभाग की ओर से इस पहल को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और सभी को इस मिशन में शामिल होने का आह्वान किया।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस पहल को ग्रामीण स्तर पर जलवायु कार्यवाही को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश का पहला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि SOP ग्रामीण उत्तर प्रदेश में क्लाइमेट स्मार्ट पहल को व्यापक स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए राज्य में पहले से चल रही योजनाओं को नए दृष्टिकोणों से जोड़ा जाना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर विशेषज्ञों के विचार रविंद्र नायक, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे गहरा प्रभाव कृषि पर पड़ रहा है। उन्होंने किसानों और ग्रामीण समुदायों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने और व्यवहारिक बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
सुशांत शर्मा, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने कहा कि यह योजना आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेगी। उन्होंने जलवायु कार्यवाही में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
वसुंधा फाउंडेशन के सीईओ श्रीनिवास कृष्णस्वामी ने इस योजना को भारत में जलवायु कार्यवाही को स्थानीय स्तर पर लागू करने की दिशा में एक अभिनव पहल बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की सभी 58,000 ग्राम पंचायतों में क्लाइमेट स्मार्ट योजनाओं के कार्यान्वयन को तेज करने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना साझा की।
ग्राम पंचायतों की भूमिका और अनुभव ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, जैसे पुलंदर ग्राम पंचायत, कानपुर देहात की प्रधान प्रीति तिवारी और जराखर ग्राम पंचायत, हमीरपुर के प्रधान कमलेश जराखर ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उनकी पंचायतों ने जलवायु स्मार्ट बनने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और इस दिशा में वसुंधा फाउंडेशन से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पंचायतें जल्द ही सतत और जलवायु लचीला मॉडल बनेंगी। इस कार्यक्रम ने न केवल ग्राम पंचायतों बल्कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के साझेदारों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एकजुट किया। यह पहल राज्य के सतत विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।