
- बुसान बुद्धिज़्म एक्सपो 2025 में यूपी पर्यटन पवेलियन ने बौद्ध विरासत का भव्य प्रदर्शन किया।
- कोरियाई भिक्षु सुबुल सुनीम ने यूपी के बौद्ध स्थलों के संरक्षण के प्रयासों की सराहना की।
- अयोध्या के कोरियाई संबंधों पर चर्चा के बाद बौद्ध सर्किट में 1000 से अधिक कोरियाई पर्यटकों के आने की संभावना।
- पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने यूपी को आध्यात्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य बताया।
- अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 तक कोरियाई तीर्थयात्रियों का बड़ा दल यूपी के बौद्ध स्थलों का भ्रमण करेगा।
लखनऊ, 11 अगस्त 2025: दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक केंद्र बुसान में आयोजित बुसान इंटरनेशनल बुद्धिज़्म एक्सपो 2025 में उत्तर प्रदेश पर्यटन ने अपनी समृद्ध बौद्ध विरासत का भव्य प्रदर्शन किया। चार दिनों तक चले इस कार्यक्रम में यूपी पर्यटन पवेलियन ने प्रदेश के भगवान बुद्ध से जुड़े ऐतिहासिक तीर्थस्थलों और बौद्ध सर्किट की विशेषताओं को विश्वभर के आगंतुकों के सामने प्रस्तुत किया, जिससे प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की छवि को नया आयाम मिला।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में एशिया के विभिन्न देशों से आए बौद्ध भिक्षु, पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञ और टूर ऑपरेटर शामिल हुए। उत्तर प्रदेश पर्यटन पवेलियन ने “बुद्धा राइस” जैसे प्रतीकात्मक उपहारों के साथ-साथ शांति, संस्कृति और ज्ञान की यात्रा का आमंत्रण दिया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
यूपी पर्यटन का भव्य प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश पर्यटन पवेलियन का उद्घाटन भारतीय दूतावास की प्रथम सचिव एवं हेड ऑफ चांसरी सुश्री अनन्या अग्रवाल (आईएफएस-2013) और यूपी पर्यटन प्रतिनिधि ने संयुक्त रूप से किया। कोरियाई बौद्ध धर्म के प्रतिष्ठित भिक्षु सुबुल सुनीम की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम की महत्ता को बढ़ाया। उन्होंने सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, संकिसा और श्रावस्ती जैसे प्रमुख बौद्ध स्थलों के संरक्षण एवं विकास में प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की और तीर्थयात्रा के लिए आमंत्रित किया।
पवेलियन में यूपी के प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थलों की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, रोचक कथाएं और अनूठी सजावट ने आगंतुकों का मन मोह लिया। यह पवेलियन न केवल प्रदेश की धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करता है, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के विकास को भी दर्शाता है।
बौद्ध सर्किट के विकास और कोरियाई भिक्षुओं की सराहना
प्रदेश में बौद्ध स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यटक सुविधाओं का विकास और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों को कोरियाई भिक्षु और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों ने सराहा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों की तीर्थयात्रा के लिए अपने समुदाय से बड़े समूह भेजने की इच्छा जताई।
कोरियाई प्रतिनिधिमंडल का यूपी बौद्ध सर्किट भ्रमण
उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रतिनिधिमंडल ने कोरियाई जोग्ये ऑर्डर के अध्यक्ष जंग वोनजू से मुलाकात की, जिसमें भारत यात्रा को बढ़ावा देने के लिए संभावित सहयोग पर चर्चा हुई। विशेष रूप से अयोध्या का उल्लेख किया गया, जो कोरिया की महारानी हियो ह्वांग-ओक के जन्मस्थान के रूप में इतिहास में प्रसिद्ध है, जिससे यह स्थान कोरियाई पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
इस मुलाकात के परिणामस्वरूप अक्टूबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच उत्तर प्रदेश के बौद्ध सर्किट में 1,000 से अधिक कोरियाई पर्यटकों के आने की संभावना है। इनमें जनवरी 2026 में लगभग 500 तीर्थयात्रियों का एक बड़ा दल भी शामिल होगा।
आध्यात्मिक पर्यटन के नए आयाम
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल अपनी समृद्ध बौद्ध विरासत को विश्व स्तर पर प्रस्तुत कर रहा है, बल्कि धार्मिक आस्था, संस्कृति और मित्रता के नए पुल भी बना रहा है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि विश्वभर के पर्यटक भगवान बुद्ध की धरती पर आकर शांति, प्रेम और सद्भाव का संदेश लें। उन्होंने कहा, “यह आध्यात्मिक यात्रा प्रदेश की समृद्ध विरासत व आतिथ्य का संगम होगी, जो सभी आगंतुकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी।”
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि बुसान बुद्धिज़्म एक्सपो ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध आध्यात्मिक केंद्र के रूप में मजबूती प्रदान की है। इस एक्सपो से स्थापित हुए संबंध भविष्य में अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।