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अवैध खनन को पकड़ने के लिए किया जा रहा उच्च व आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल- खनन निदेशक माला श्रीवास्तव

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  • रिमोट सेन्सिंग प्रयोगशाला से पकड़े जा रहे अवैध खनन
  • प्रदेश में उच्च तकनीक के द्वारा पकड़े जा रहे अवैध खनन कर्ता
  • रिमोट सेन्सिंग प्रयोगशाला द्वारा उपखनिजों के नये क्षेत्रों का भी किया जा रहा है चिन्हांकन

लखनऊ : 23 अक्टूबर 2024: निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग माला श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में अवैध खनन व अवैध खनन परिवहन पर पूरी तरह से अंकुश लगाने व नियन्त्रण करने के लिए विभाग द्वारा खनन‌ कार्यो पर पैनी नजर रखी जा रही है। अवैध खनन व अवैध खनन परिवहन को रोकने के प्रभावी व ठोस कदम उठाए गए हैं। प्रभावी रणनीति बनाकर प्रवर्तन की कार्यवाही तो की ही जा रही है साथ ही साथ उच्च व अत्यंत आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आईएएस माला श्रीवास्तव ने बताया कि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में फोटो जियोलॉजी एवं रिमोट सेन्सिंग प्रयोगशाला को संचालित किया जा रहा है, जिसके द्वारा प्रदेश में अवैध खनन को इस तकनीक के माध्यम से भी चिन्हांकित किया जाने लगा है, जिसके आधार पर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। अब तक प्रयोगशाला द्वारा 06 जनपदों में अवैध खनन क्षेत्रों का चिन्हांकन किया गया है।

रिमोट सेन्सिंग प्रयोगशाला के द्वारा जन उपयोगी उपखनिज यथा- बालू/मोरम एवं बोल्डर आदि के नये क्षेत्रों का चिन्हांकन भी किया जा रहा है, जिससे कि आम जनमानस के उपयोग हेतु किफायतीऔर उचित दरों पर उपखनिज की उपलब्धता बनी रहे। इस हेतु कार्मिकों को रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर, उ०प्र०, लखनऊ से प्रशिक्षित कराया गया है। इस पहल से अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और राजस्व अपवंचन रोका जा सकेगा।

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