HomeDaily Newsअयोध्या दीपोत्सव-2025: 26 लाख दीपों से बनेगा नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

अयोध्या दीपोत्सव-2025: 26 लाख दीपों से बनेगा नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

अयोध्या दीपोत्सव-2025: 26 लाख दीपों से बनेगा नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • अयोध्या दीपोत्सव-2025 में 26 लाख से अधिक दीप जलाकर नया गिनीज रिकॉर्ड बनेगा।
  • सरयू तट और राम की पैड़ी पर भव्य दीप प्रज्वलन और सबसे बड़ी आरती होगी।
  • 1,100 से अधिक संत-महात्मा और धर्माचार्य आरती में भाग लेंगे।
  • गिनीज टीम की उपस्थिति में तकनीकी और पारदर्शी प्रक्रिया से रिकॉर्ड दर्ज होगा।
  • आयोजन को अधिक भव्य बनाने के लिए सांस्कृतिक झांकियां और विशेष आकर्षण शामिल होंगे।

लखनऊ, 08 सितंबर 2025। अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव एक बार फिर इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। 19 अक्टूबर 2025 को आयोजित होने वाले दीपोत्सव-2025 में 26 लाख से अधिक दीप जलाकर एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से सरयू तट, राम की पैड़ी और अन्य घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन की भव्यता विश्व स्तर पर अयोध्या की पहचान को और सुदृढ़ करेगी।

हर साल नया कीर्तिमान रचता अयोध्या दीपोत्सव

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 से अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है। हर साल यह पर्व अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़कर नया इतिहास लिखता है। इस बार 26 लाख से अधिक दीपों की लौ से अयोध्या जगमगाएगी। साथ ही, सरयू नदी पर सबसे बड़े दीप प्रज्वलन और आरती समारोह का आयोजन होगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद दूसरी दिव्य दीपावली

मंत्री ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा दीपोत्सव और भी भव्य व दिव्य स्वरूप में मनाया जाएगा। राम की पैड़ी और घाटों पर अब तक की सबसे बड़ी आरती होगी, जिसमें 1,100 से अधिक संत-महात्मा और धर्माचार्य सम्मिलित होंगे। दीपोत्सव से तीन दिन पहले से ही व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।

गिनीज रिकॉर्ड के लिए तकनीकी और पारदर्शी प्रक्रिया

दीपोत्सव के दौरान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानकों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। छात्र-स्वयंसेवक दीयों की सजावट, प्रज्वलन और गिनती की जिम्मेदारी निभाएंगे। पूरी प्रक्रिया तकनीकी और पारदर्शी ढंग से संपन्न होगी। गिनीज टीम मौके पर मौजूद रहेगी और सभी साक्ष्यों की जांच के बाद रिकॉर्ड की घोषणा करेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा।

संस्कृति और आस्था का संगम

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव केवल राज्य का नहीं, बल्कि पूरे भारत की संस्कृति, आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक बन चुका है। दीपों की श्रृंखला न केवल भगवान श्रीराम के आदर्शों का स्मरण कराती है बल्कि विश्व बंधुत्व का संदेश भी देती है।

भव्य तैयारियों की झलक

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि इस वर्ष दीपोत्सव को पिछले वर्षों की तुलना में और भी अधिक भव्य बनाने की तैयारी चल रही है। रामायणकालीन अद्भुत झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और मनोरम दृश्य न केवल देशवासियों बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करेंगे।

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