
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘अटल युवा महाकुम्भ’ का शुभारंभ किया।
- कार्यक्रम ‘कदम से कदम मिलाकर चलना होगा’ थीम पर अटल जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित किया गया।
- मुख्यमंत्री ने अटल जी की काव्य रचनाओं को याद करते हुए युवाओं को प्रेरित किया।
- कार्यक्रम में बच्चों को चॉकलेट वितरित की गई और निबंध व भाषण प्रतियोगिताओं में पुरस्कार दिए गए।
- इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री, राज्यसभा सांसद और अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

लखनऊ, 24 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित ‘अटल युवा महाकुम्भ’ का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह भी उनके साथ उपस्थित थे। यह आयोजन ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य थीम ‘कदम से कदम मिलाकर चलना होगा’ था, जो अटल जी के जीवन और कार्यों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से रखा गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्घाटन भाषण में इस आयोजन को अटल जी के प्रति देश और प्रदेश के लोगों के अनमोल प्रेम और सम्मान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि ‘युवा कुम्भ’ जैसे आयोजनों से अटल जी की स्मृतियों को जीवंत किया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, अटल जी की काव्य रचनाओं, उनके विचारों और उनके जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं को समर्पित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन कुम्भ की परंपरा से भी जुड़ा हुआ है, जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का अभिन्न हिस्सा है। कुम्भ भारत की पहचान है और इसकी परंपराएं हमें एकता, समानता और भाईचारे का संदेश देती हैं। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि इस ‘युवा कुम्भ’ के जरिए हम अटल जी की यादों को ताजा कर रहे हैं, साथ ही युवाओं को यह प्रेरणा दे रहे हैं कि अगर हम सब मिलकर कदम से कदम मिलाकर चलें, तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
‘अटल युवा महाकुम्भ’ का आयोजन अटल जी की काव्य रचनाओं और उनके विचारों को केंद्रित कर किया गया। मुख्यमंत्री ने अटल जी की प्रसिद्ध कविता ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कविता युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उन बच्चों और युवाओं के लिए है जो अटल जी की प्रेरणा से अपने जीवन को उत्कृष्ट बनाने के लिए समर्पित हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद किया और उन्हें चॉकलेट वितरित की। साथ ही, निबंध और भाषण प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगर युवा पीढ़ी अपने प्रयासों में ईमानदारी और कड़ी मेहनत से लगे तो वह किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।
भारत की सनातन धर्म परंपरा और कुम्भ का संदर्भ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कुम्भ भारत की पहचान है और यह सनातन धर्म, आध्यात्मिकता, और एकता का प्रतीक है। कुम्भ का आयोजन हर 12 साल में होता है और यह लाखों श्रद्धालुओं के एकत्र होने का स्थल बनता है। अगले साल, प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुम्भ महासमागम भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस महासमागम के आयोजन का भी उल्लेख किया और कहा कि इस युवा कुम्भ ने अटल जी की स्मृतियों को ताजा किया है, जिससे उनकी प्रेरणाएं आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण बनती हैं।
कार्यक्रम में प्रमुख नेता और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य डॉ. महेंद्र सिंह, इंजी. अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, विधायक डॉ. नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, अमरेश कुमार, ओपी श्रीवास्तव, जय देवी, पूर्व मंत्री मोहसिन रजा और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। इन सभी ने आयोजन की सफलता की कामना करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का धन्यवाद किया।
कुम्भ के सांस्कृतिक महत्व पर जोर
सीएम योगी ने इस आयोजन के माध्यम से कुम्भ के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि कुम्भ भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है, और यह भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह आयोजन समाज को एकता, समानता, और राष्ट्रीय अखंडता के लिए प्रेरित करता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना था। सीएम योगी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अटल जी के जीवन से प्रेरणा लें और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्पण और परिश्रम से काम करें। साथ ही, उन्होंने कहा कि “कदम मिलाकर चलने” से ही किसी भी संघर्ष को पार किया जा सकता है और यही अटल जी का संदेश था।
‘अटल युवा महाकुम्भ’ न केवल अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक जरिया था, बल्कि यह युवाओं को उनके सपनों को सच करने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम था। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि अटल जी की विचारधारा और उनके जीवन के मूल्य आज भी हर युवा के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं।