
- उत्तर प्रदेश पवेलियन ने व्यापार मेले में हजारों आगंतुकों को आकर्षित किया।
- पारंपरिक शिल्प जैसे लखनऊ की चिकनकारी और कन्नौज के इत्र ने दर्शकों का दिल जीता।
- औद्योगिक और तकनीकी प्रगति के नमूने पवेलियन का मुख्य आकर्षण रहे।
- स्टॉल धारकों को बड़ी संख्या में व्यापारिक पूछताछ प्राप्त हो रही हैं।
- उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को वैश्विक व्यापार और सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है।

नई दिल्ली/लखनऊ, 23 नवंबर 2024: भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस वर्ष उत्तर प्रदेश पवेलियन ने अपनी भव्यता और विविधता से हजारों आगंतुकों को आकर्षित किया है।

प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक औद्योगिक क्षमताओं का अनूठा संगम यहां देखने को मिला। पवेलियन में न केवल परंपरागत कला और शिल्प का प्रदर्शन किया गया, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और आईटी जैसे क्षेत्रों में राज्य की प्रगति को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया।
पारंपरिक शिल्प और कला का केंद्रबिंदु
पवेलियन में लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई, बनारसी सिल्क, और मुरादाबाद के पीतल शिल्प जैसे पारंपरिक कला रूपों ने दर्शकों का ध्यान खींचा। साथ ही, कन्नौज के इत्र ने विदेशी और घरेलू दोनों आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह प्रदर्शन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि और हस्तकला की श्रेष्ठता को उजागर करता है।
औद्योगिक प्रगति और नवाचार का प्रदर्शन
व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश पवेलियन ने केवल परंपरागत शिल्प ही नहीं, बल्कि राज्य की औद्योगिक और तकनीकी प्रगति को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया। मैन्युफैक्चरिंग और आईटी सेक्टर में हुई प्रगति के नमूने पवेलियन में शामिल थे, जो यह दर्शाते हैं कि राज्य नवाचार और विकास के मामले में आगे बढ़ रहा है।
व्यावसायिक अवसरों की बाढ़
पवेलियन में उपस्थित स्टॉल धारकों ने बताया कि उन्हें बड़ी संख्या में व्यापारिक पूछताछ प्राप्त हो रही हैं। यह संकेत करता है कि उत्तर प्रदेश के उत्पाद न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापारियों और उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रहे हैं।
आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पवेलियन के इस आयोजन का उद्देश्य प्रदेश को व्यापार और संस्कृति के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। राज्य सरकार अपने नागरिकों के लिए रोजगार और आर्थिक अवसरों के सृजन के लिए लगातार प्रयासरत है।