
- डॉ. राजेश्वर सिंह को ‘डायरेक्टर्स अवार्ड्स फॉर सर्विंग सोसाइटी’ से सम्मानित किया गया।
- आईआईटी धनबाद ने उनकी समाज सेवा और प्रशासनिक योगदान को मान्यता दी।
- उन्होंने साइबर इंटेलिजेंस और प्रवर्तन निदेशालय में उल्लेखनीय कार्य किए।
- संस्थान के 100वीं वर्षगांठ समारोह (2026) के लिए 10 लाख रुपये का योगदान दिया।
- सम्मान समारोह में प्रतिष्ठित शिक्षाविद, प्रशासक और एलुमनाई उपस्थित रहे।

धनबाद/लखनऊ, 02 फरवरी 2025: आईआईटी धनबाद (पूर्ववर्ती इंडियन स्कूल ऑफ माइनिंग) ने भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह को उनके समाज सेवा, प्रशासनिक कौशल और विकास कार्यों के लिए ‘डायरेक्टर्स अवार्ड्स फॉर सर्विंग सोसाइटी’ से सम्मानित किया। यह प्रतिष्ठित सम्मान संस्थान के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा द्वारा बसंत-2025 एलुमनाई रीयूनियन के वार्षिक कार्यक्रम में प्रदान किया गया। इस विशेष अवसर पर उनकी धर्मपत्नी एवं नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और बेटी राजलक्ष्मी भी उपस्थित थीं।

यह सम्मान डॉ. राजेश्वर सिंह को उनके जनहितकारी कार्यों और विधानसभा सरोजनीनगर में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया। वह आईआईटी धनबाद के 1996 बैच के पूर्व छात्र हैं और अपने प्रशासनिक व राजनीतिक जीवन में उल्लेखनीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं।
संस्थान से जुड़ी गौरवशाली यादें

सम्मान समारोह के दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने अल्मा मेटर आईआईटी धनबाद की उपलब्धियों को याद किया और कहा कि यह संस्थान 99 वर्षों से तकनीकी शिक्षा का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा,
“आईआईटी धनबाद ने देश को कई कुशल इंजीनियर, प्रशासक, समाज सुधारक और उद्योग जगत के दिग्गज दिए हैं। यह संस्थान भारत के कई महारत्न और नवरत्न कंपनियों जैसे कोल इंडिया, गेल, सेल के नेतृत्वकर्ता प्रदान कर चुका है, जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।”
उन्होंने संस्थान के छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि यहाँ की शिक्षा और वातावरण अद्वितीय और अनुकरणीय है।
इंजीनियर से पुलिस सेवा तक का सफर

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने करियर की यात्रा साझा करते हुए बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वे पुलिस सेवा में जाएं। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग ज्ञान का उपयोग साइबर इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस में किया। वे राष्ट्रपति गैलंट्री मेडल से सम्मानित हुए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में काम करते हुए सफेदपोश अपराधों और आर्थिक घोटालों पर बड़ी कार्रवाई की।
उन्होंने कहा,
“आज राजनीति में रहते हुए भी मैं अपने इंजीनियरिंग बैकग्राउंड का उपयोग करता हूँ और डिजिटल साक्षरता, सतत विकास और पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा हूँ।”
आईएसएम एलुमनाई का योगदान और साथ

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा, तब आईएसएम एलुमनाई के सैकड़ों सदस्यों ने एक परिवार की तरह उनके समर्थन में जनसंपर्क किया। उन्होंने कहा,
“यहाँ के छात्र और पूर्व छात्र समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं इस गौरवशाली संस्थान का हिस्सा रहा हूँ।”
संस्थान के विकास के लिए 10 लाख रुपये का योगदान
डॉ. राजेश्वर सिंह ने संस्थान के सेंटनेरियन वर्ष (100वीं वर्षगांठ) समारोह – 2026 की तैयारियों के लिए 10 लाख रुपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की।
उन्होंने संस्थान के निदेशक प्रो. मिश्रा की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में आईआईटी धनबाद जल्द ही भारत के शीर्ष 5 टेक्नोलॉजी संस्थानों में शामिल होगा।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस सम्मान समारोह में कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद, प्रशासक और एलुमनाई उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
- प्रो. प्रेमव्रत (संस्थान अध्यक्ष, बीओजी)
- प्रो. सुकुमार मिश्रा (संस्थान निदेशक)
- डीडी मिश्रा (पूर्व चेयरमैन)
- प्रो. धीरज कुमार (उप निदेशक)
- प्रो. आर. एम. भट्टाचार्जी (डीन)
- प्रो. बिस्वजीत पॉल एवं नीलमणि (अलुमनाई एसोसिएशन उपाध्यक्ष)
- प्रो. सहेन्द्र सिंह (संयोजक, बसंत-2025)
यह सम्मान डॉ. राजेश्वर सिंह के समर्पण, प्रशासनिक दक्षता और समाज सेवा को दर्शाता है। आईआईटी धनबाद ने अपने इस गौरवशाली एलुमनाई को सम्मानित कर यह संदेश दिया कि सच्ची शिक्षा वही है, जो समाज और राष्ट्र की उन्नति में योगदान दे।