
- श्रद्धा से सेवा तक: डॉ. राजेश्वर सिंह की रामरथ यात्रा ने रचा नया सामाजिक अध्याय
- रामरथ बस सेवा प्रभु श्रीराम के चरणों तक ही नहीं, समाज की आत्मा तक पहुँचने का प्रयास – डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ : सरोजनीनगर भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा न रहकर श्रद्धा, भक्ति और एकता का एक अभूतपूर्व प्रतीक बन चुकी है। वृहस्पतिवार को 43वीं यात्रा का संचालन भौकापुर क्षेत्र से सम्पन्न हुआ। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और लोकसेवा की बहुआयामी भावना को अभिव्यक्त करती है, जो सरोजनीनगर विधानसभा को संपूर्ण रूप से जोड़ती है।
यात्रा का दिव्य अनुभव:
श्रद्धालुओं से यात्रा के अनुभव के बारे में पूछने पर उन्होंने इसे एक दिव्य यात्रा बताया, जिसमें हर पल आध्यात्मिक शांति और संतोष का अनुभव हुआ। इस बस सेवा से अयोध्या जाने वाले हर श्रद्धालु के चेहरे पर आस्था और भक्ति की गहरी छाप देखी गई। सभी के मन में नव निर्मित दिव्य और भव्य राममंदिर के दर्शन की प्रबल अभिलाषा थी। डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समर्पण, एकता और विश्वास का भी एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।
यात्रा का धार्मिक महत्व:
यह यात्रा श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के पावन धाम अयोध्या तक पहुंचाकर एक दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन जैसे प्रमुख स्थलों के दर्शन से श्रद्धालु भाव-विभोर हुए। नव-निर्मित भव्य राममंदिर का प्रत्यक्ष दर्शन कर श्रद्धालुओं ने अपने जीवन को धन्य माना।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:
यह यात्रा समाज के उन वर्गों तक पहुंचती है जो सामान्यतः ऐसी तीर्थयात्राओं से वंचित रह जाते हैं: जैसे वृद्धजन, महिलाएँ और आर्थिक रूप से वंचित समुदाय।यह सामाजिक न्याय और समावेशन का एक जीवंत उदाहरण है जहाँ ‘सेवा’ को ‘सामर्थ्य’ से जोड़ा गया है, न कि सुविधा से।
यह यात्रा केवल तीर्थ नहीं, संस्कारों का संचरण है। बच्चे, युवा, महिलाएँ और बुज़ुर्ग एक साथ यात्रा करते हैं, जिससे संयुक्त सांस्कृतिक चेतना का विस्तार होता है। श्रीरामचरितमानस की प्रति और अंगवस्त्र देकर भारतीय संस्कृति को सम्मानित और संरक्षित किया जा रहा है।
राजनीतिक दृष्टिकोण: लोकसेवा की संवेदनशील राजनीति
डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल राजनीति में सहज सेवा, सच्ची संवेदना और समाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देने का परिचायक है। यहाँ कोई मंच नहीं, भाषण नहीं, सिर्फ सेवा है। प्रत्येक यात्रा के साथ यह सिद्ध हो रहा है कि राजनीतिक शक्ति का सर्वोत्तम उपयोग जनकल्याण ही है।
प्रबंधन व लोक-कल्याणकारी दृष्टिकोण:
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा पूर्व और पश्चात हर सुविधा का मानवीय स्तर पर ध्यान रखा, घर से लाने-ले जाने की व्यवस्था, स्वस्थ जलपान एवं भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व सुरक्षा व्यवस्था, संगठित दर्शन व्यवस्था, इसके अतिरिक्त, प्रत्येक श्रद्धालु को सम्मानपूर्वक प्रसाद, श्रीरामचरितमानस, और अंगवस्त्र भेंट कर उनकी गरिमा को और ऊँचाई दी गई।
प्रेरणा स्त्रोत: माँ तारा सिंह जी की सेवा भावना
डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित यह तीर्थयात्रा 27 सितंबर 2022 को उनकी पूज्य माँ तारा सिंह जी की प्रेरणा से प्रारंभ हुई। यह आयोजन मातृत्व, मूल्य और संस्कृति की त्रिवेणी है, जो आज सरोजनीनगर की पहचान बन चुकी है। डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश: “हमारे बुजुर्ग केवल जिम्मेदारी नहीं, समाज की वह धरोहर हैं, जिन्हें सुख-सुविधा देना हमारा कर्तव्य है। ‘रामरथ’ केवल एक बस नहीं, यह श्रद्धा का पुल है जो सरोजनीनगर को अयोध्या से, और आत्मा को ईश्वर से जोड़ता है। यह यात्रा तब तक जारी रहेगी, जब तक सरोजनीनगर का प्रत्येक श्रद्धालु, प्रत्येक रामभक्त प्रभु श्रीराम के दरबार में अपना शीश न नवाए।”
डॉ. राजेश्वर सिंह की ‘रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ एक अनूठा उदाहरण है कि कैसे राजनीति, धर्म, समाज और संस्कृति का समन्वय किसी क्षेत्र की आत्मा को छू सकता है। यह यात्रा न केवल श्रद्धा की प्रतीक है, बल्कि एक नए सामाजिक अनुकरणीय मॉडल का नाम भी बन चुकी है, जहाँ धर्म सेवा में बदलता है, और सेवा जनकल्याण में।