
- ✅ 90 दिनों की मशक्कत के बाद वन विभाग ने रहमान खेड़ा में घूम रहे बाघ को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया।
- ✅ बाघ ने अब तक 25 से अधिक जानवरों को अपना शिकार बनाया था, जिससे इलाके में दहशत का माहौल था।
- ✅ बेंगलुरु से आई विशेषज्ञ टीम की मदद से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में सफलता मिली, इससे पहले कई बार ऑपरेशन असफल रहा था।
- ✅ बाघ के कारण ग्रामीण रात में घरों से बाहर निकलने से डरते थे, खेतों में जाने से भी बच रहे थे।
- ✅ रेस्क्यू किए गए बाघ को सुरक्षित स्थान पर भेजने की प्रक्रिया शुरू, वन विभाग कर रहा है स्वास्थ्य जांच।
लखनऊ: रहमान खेड़ा, मलिहाबाद में पिछले 90 दिनों से घूम रहे बाघ को आखिरकार वन विभाग ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है। यह बाघ लंबे समय से इलाके में आतंक का कारण बना हुआ था और अब तक 25 से अधिक जानवरों का शिकार कर चुका था। वन विभाग की 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगातार बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।
आखिरकार, बेंगलुरु से आई विशेषज्ञ टीम की मदद से बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया और उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया। वन विभाग की टीम ने जोन-2 में बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसे काबू में किया। इस ऑपरेशन के दौरान बाघ को पकड़ने के लिए कई दिनों तक इलाके में घेराबंदी की गई थी।
बाघ पकड़ने के लिए बेंगलुरु से बुलाई गई विशेषज्ञ टीम
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बेंगलुरु से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाया, जिन्होंने आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर उसे ट्रेंकुलाइज किया। वन विभाग की यह बड़ी सफलता तीन महीनों से दहशत में जी रहे ग्रामीणों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है।
वन विभाग ने पहले भी बाघ को बेहोश करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार बाघ चकमा देकर भागने में सफल हो जाता था। इस बार वन विभाग की विशेष टीम ने सटीक योजना बनाकर बाघ को काबू में किया।
बाघ के कारण तीन महीने से ग्रामीणों में था खौफ
बाघ की मौजूदगी से रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों के लोग लगातार भयभीत थे। ग्रामीणों का कहना था कि रात के समय घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। कई किसान अपने खेतों में जाने से डरते थे, क्योंकि बाघ पहले भी कई बार इंसानों के करीब आता देखा गया था।
वन विभाग को इस इलाके में बाघ के पदचिह्न मिले थे, जिसके आधार पर उन्होंने ट्रैप कैमरों और ड्रोन की मदद से बाघ की लोकेशन ट्रेस की। इसके बाद, विशेष टीम को बुलाकर सफल ऑपरेशन चलाया गया।
क्या बाघ को अब सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा?
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू किए गए बाघ को अब सुरक्षित स्थान पर भेजने की तैयारी की जा रही है। बाघ के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किसी बीमारी से पीड़ित नहीं है। इसके बाद बाघ को उचित अभयारण्य या राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा जाएगा।
वन विभाग के इस सफल अभियान से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है और इलाके में अब सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है।