
- हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की फ्लीट सोमवार सुबह लखनऊ के शहीद पथ पर एक बड़े हादसे का शिकार हो गई, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
- हादसा तब हुआ जब एक निजी वाहन ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए फ्लीट में घुसने की कोशिश की, जिससे कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं।
- इस घटना ने लखनऊ की खराब यातायात व्यवस्था और डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह की लापरवाही को उजागर किया है।
- हादसे के कारण शहीद पथ और आसपास के इलाकों में यातायात पूरी तरह ठप हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
- राजनीतिक दलों और जनता ने डीसीपी ट्रैफिक पर सवाल उठाते हुए लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
लखनऊ, 10 दिसम्बर 2024: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की फ्लीट सोमवार सुबह लखनऊ के शहीद पथ पर एक बड़े हादसे का शिकार हो गई। यह घटना लुलु मॉल के पास सुबह करीब 9 बजे हुई, जब राज्यपाल की गाड़ियां अमौसी एयरपोर्ट से शहीद पथ की ओर जा रही थीं। हादसे में फ्लीट की कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं, जिससे एस्कॉर्ट टीम के सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। वहीं, इस घटना ने लखनऊ की खराब ट्रैफिक व्यवस्था और डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?

घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल की फ्लीट शहीद पथ पर सुरक्षित मार्ग से गुजर रही थी। इसी दौरान एक निजी वाहन ने अचानक प्रोटोकॉल तोड़ते हुए फ्लीट में घुसने की कोशिश की, जिससे कई गाड़ियां आपस में भिड़ गईं। हादसे में फ्लीट में शामिल एस्कॉर्ट टीम के सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और यातायात को सुचारू करने में जुट गई। हालांकि, अब तक घायलों की स्थिति और उनकी संख्या को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह की लापरवाही उजागर
इस हादसे ने लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ी खामी को उजागर किया है। सवाल उठ रहे हैं कि शहीद पथ जैसे व्यस्त मार्ग पर वीआईपी मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन क्यों विफल हुआ। डीसीपी यातायात प्रबल प्रताप सिंह की जिम्मेदारी के बावजूद इस प्रकार के हादसों को टालने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
ट्रैफिक प्रोटोकॉल का पालन न होना और हादसे के बाद डीसीपी ट्रैफिक की चुप्पी ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। न तो उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदारी ली है और न ही अब तक दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई की है।
हादसे के कारण यातायात ठप, जनता को हुई परेशानी
हादसे के कारण शहीद पथ पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई। लुलु मॉल और अहिमामऊ समेत आसपास के इलाकों में भारी जाम लग गया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ने जाम हटाने के लिए घंटों मशक्कत की, लेकिन यह सवाल बरकरार है कि बेहतर प्रबंधन से इस स्थिति को टाला क्यों नहीं गया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जनता की नाराजगी
राज्यपाल की फ्लीट हादसे के बाद राजनीतिक दलों ने डीसीपी ट्रैफिक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन में लापरवाही ने इस बड़े हादसे को जन्म दिया है।
प्रशासन की जिम्मेदारी और अपेक्षित कार्रवाई
इस घटना ने लखनऊ में ट्रैफिक प्रबंधन और वीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सख्ती की कमी को उजागर किया है। जनता और राजनीतिक दलों की मांग है कि डीसीपी यातायात समेत जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
शहीद पथ पर हुई यह दुर्घटना न केवल राज्यपाल की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि लखनऊ की यातायात व्यवस्था और प्रशासनिक खामियों को भी उजागर करती है। डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह की चुप्पी और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का रवैया प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान है।