
- 2027 तक 2 लाख भाजपा ध्वज घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य।
- 150 तारा शक्ति केंद्रों पर महिलाओं द्वारा झंडों का निर्माण।
- अटल जन सेवा केंद्र से नागरिकों को मिलेगी ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं।
- जल निकासी हेतु 1000 करोड़ का बजट और ड्रेन रिमॉडलिंग के लिए 200 करोड़ स्वीकृत।
- डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल से सरोजनीनगर बना महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रवाद का मॉडल।

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के 45वें स्थापना दिवस (6 अप्रैल) को यादगार बनाने के लिए सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक नई राष्ट्रवादी पहल की शुरुआत की है। शुक्रवार को उन्होंने अपने आवास पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इको-फ्रेंडली भाजपा ध्वज वितरित किए। यह अभियान सरोजनीनगर की तारा शक्ति केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव तक 2 लाख भाजपा झंडे घर-घर पहुंचाना है।
महिला सशक्तिकरण से राष्ट्र निर्माण की पहल

डॉ. सिंह द्वारा स्थापित 150 तारा शक्ति केन्द्रों पर महिला स्वयं सहायता समूहों को सिलाई-कढ़ाई की मशीनें और संसाधन दिए गए हैं। ये महिलाएं ही भाजपा के ध्वज तैयार कर रही हैं, जिससे आत्मनिर्भरता के साथ-साथ पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा, “हर गली, हर द्वार और हर मन में भाजपा की सोच लहरानी चाहिए। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व को और सशक्त करने की राष्ट्रवादी अभिव्यक्ति है।”
इस अवसर पर भाजपा के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें शंकरी सिंह, पार्षद कौशलेन्द्र द्विवेदी, लवकुश रावत, विनोद मौर्य, नेहा सिंह और मनीष शुक्ला प्रमुख हैं।
अटल जन सेवा केंद्र का लोकार्पण
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरस्वती वाटिका पार्क, आशियाना में “अटल सेवा केंद्र” का उद्घाटन भी किया, जिसे आशियाना रेजिडेंट्स एसोसिएशन द्वारा संचालित किया जाएगा। यह केंद्र नागरिकों को ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि पार्क में वॉकिंग ट्रैक और अन्य आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जलनिकासी की बड़ी सौगात
सभा को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने सरोजनीनगर में जलनिकासी की समस्या को लेकर कहा कि इसके स्थायी समाधान के लिए इस बार बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, किला मोहम्मदी ड्रेन की रिमॉडलिंग हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।