
- शहीदी दिवस का भव्य आयोजन: गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर 8 दिसंबर को भारती भवन, लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम होगा।
- धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां: पाठ, कीर्तन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और चित्र प्रदर्शनी कार्यक्रम का हिस्सा होंगी।
- समुदायों की भागीदारी: लखनऊ के विभिन्न धर्मों और समुदायों के 100 से अधिक श्रद्धालु कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
- विशिष्ट अतिथि: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य प्रमुख धार्मिक संगठनों के सदस्य, अयोध्या के संत और विद्वान अतिथि होंगे।
- लंगर सेवा और समापन: कार्यक्रम के अंत में विशेष लंगर सेवा का आयोजन होगा।

लखनऊ, 07 दिसम्बर 2024: लखनऊ के राजेंद्र नगर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय, भारती भवन के प्रांगण में 8 दिसंबर को सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के अवसर पर एक भव्य आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन की जानकारी श्री गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस आयोजन समिति, लखनऊ के संयोजक निर्मल सिंह जी ने प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम सायं 6 बजे से शुरू होगा और इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
गुरु तेग बहादुर जी को उनकी साहसिकता और धर्म की रक्षा के लिए किए गए सर्वोच्च बलिदान के लिए “हिंद की चादर” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने औरंगजेब के क्रूरतम शासन के दौरान सनातन धर्म, वैचारिक स्वतंत्रता और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस आयोजन का उद्देश्य गुरुजी के बलिदान को स्मरण कर वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को उनके आदर्शों और मूल्यों से प्रेरित करना है।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियां
शहीदी दिवस के अवसर पर भारती भवन के प्रांगण में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में पाठ और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। दशमेश पब्लिक स्कूल और चढ़दी कला क्लासेस, लखनऊ के बच्चे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इसके अतिरिक्त गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन और उनके बलिदान पर आधारित एक विशेष चित्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
इस आयोजन में लखनऊ के विभिन्न धर्मों, समुदायों और पंथों के लोग शामिल होंगे। कुल 31 विभिन्न मतों और संगठनों से 100 से अधिक श्रद्धालु इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। लखनऊ के गुरुद्वारों, सिंधी समाज, सनातनी महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से इस भव्य आयोजन की सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी।
प्रमुख वक्ताओं और अतिथियों की भागीदारी
कार्यक्रम में भाई गुरमीत सिंह जी, भाई दिनेश सिंह जी, गुरमत लेक्चर देने के लिए अमृतसर से सरदार दिलबाग सिंह जी, और बीबी रवनीत कौर जी मुख्य वक्ता होंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रांत प्रचारक कौशल जी, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनिल जी और गोपाल जी, गौ सेवा के अखिल भारतीय सह-संयोजक नवल किशोर जी, और राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के निदेशक मनोज कांत जी सहित कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रहेगी।
अयोध्या से आने वाले संतों और अन्य धार्मिक गुरुओं का भी इस कार्यक्रम में स्वागत किया जाएगा। सभी वक्ता गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और उनके बलिदान के महत्व पर प्रकाश डालेंगे।
लंगर सेवा और समापन समारोह
कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं के लिए विशेष लंगर सेवा का आयोजन किया जाएगा। इस लंगर सेवा में सभी धर्म और समुदायों के लोगों को निमंत्रित किया गया है। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ इस भव्य आयोजन का समापन होगा।
गुरुजी के बलिदान की प्रासंगिकता
श्री गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान केवल सिख धर्म के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके जीवन से यह संदेश मिलता है कि अत्याचारों के खिलाफ खड़े होना, सत्य के लिए संघर्ष करना और मानवता की रक्षा करना, प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।
आयोजन समिति के संयोजक निर्मल सिंह जी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का उद्देश्य समाज में चेतना का प्रसार करना और युवाओं को गुरुजी के बलिदान और उनके आदर्शों से परिचित कराना है। उन्होंने कहा, “गुरु तेग बहादुर जी ने मुगलों के सबसे क्रूर शासक औरंगजेब की नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण और साहसिक प्रतिरोध का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि मानवता के लिए धर्म, नैतिकता और स्वतंत्रता का क्या महत्व है।” यह कार्यक्रम न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि गुरुजी के बलिदान को याद करते हुए समाज में धर्म, मानवता और नैतिकता की रक्षा के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।