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लखनऊ में दो दिवसीय श्रीराम हनुमत महोत्सव का भव्य शुभारंभ: अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डेन में भक्ति, संस्कृति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम

लखनऊ में दो दिवसीय श्रीराम हनुमत महोत्सव का भव्य शुभारंभ: अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डेन में भक्ति, संस्कृति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम

लखनऊ, TrueNewsUP ब्यूरो, 26 अप्रैल 2025: श्रीराम हनुमत महोत्सव के पहले दिन बलरामपुर गार्डन में भक्ति, श्रद्धा और भारतीय संस्कृति का ऐसा अद्वितीय संगम देखने को मिला, जिसने समूचे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

हनुमत सेवा समिति द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव का आरंभ शनिवार को हुआ, जो रविवार तक चलेगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक समर्पण का भी सुंदर उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।

Table of Contents

मनोहारी सुंदरकांड से महोत्सव का शुभारंभ

  • श्रीराम हनुमत महोत्सव का पहला दिन भक्ति भूषण अजय याग्निक के सस्वर पाठ से गूंज उठा।
  • सुंदरकांड के शब्दों ने जैसे ही वातावरण को स्पंदित किया, श्रद्धालुओं के नेत्र बंद हो गए और हृदयों में राम भक्ति का सागर उमड़ पड़ा।
  • हजारों भक्तों ने एक साथ “जय श्रीराम” और “जय बजरंग बली” का उद्घोष किया, जिससे पूरा बलरामपुर गार्डन गुंजायमान हो उठा।
  • कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक मंगलाचरण से हुई, जिसमें वैदिक मंत्रों के उच्चारण ने वातावरण को और भी पवित्र कर दिया।

मनोकामना बैलून प्रार्थना: एक अनूठा प्रयोग

इस बार महोत्सव में एक अभिनव प्रयोग किया गया – “मनोकामना बैलून प्रार्थना”। भक्तों ने अपने हृदय की गुप्त इच्छाओं को छोटे-छोटे रंगीन गुब्बारों में बाँधा और प्रार्थना करते हुए उन्हें आकाश में उड़ाया। आकाश में उड़ते इन रंग-बिरंगे गुब्बारों ने जैसे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ईश्वर तक पहुँचाने का माध्यम बनकर एक दिव्य दृश्य उपस्थित कर दिया। यह दृश्य न केवल भक्ति से भरा हुआ था, बल्कि श्रद्धालुओं के आंसुओं और मुस्कान के बीच गहरे विश्वास का अद्भुत प्रमाण भी था।

न्यायमूर्तियों की गरिमामयी उपस्थिति

लखनऊ में दो दिवसीय श्रीराम हनुमत महोत्सव का भव्य शुभारंभ: भक्ति, संस्कृति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम
लखनऊ में दो दिवसीय श्रीराम हनुमत महोत्सव का भव्य शुभारंभ: भक्ति, संस्कृति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम

श्रीराम हनुमत महोत्सव के उद्घाटन समारोह में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया और न्यायमूर्ति राजीव कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। उनकी उपस्थिति ने न केवल महोत्सव की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि धर्म और न्याय के अटूट संबंध की भी सुंदर झलक प्रस्तुत की। न्यायमूर्तियों ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी श्रद्धालुओं को श्रीराम और हनुमान जी के आदर्शों से प्रेरणा लेने का संदेश भी दिया।

हनुमत संग्रहालय: अद्भुत भक्ति संग्रह

कृष्ण कुमार चौरसिया द्वारा निर्मित विश्व प्रसिद्ध हनुमत संग्रहालय महोत्सव का प्रमुख आकर्षण बना। यह संग्रहालय न केवल आकार में विशाल है, बल्कि इसमें संकलित 40,000 से अधिक दुर्लभ चित्र, मूर्तियाँ, सिक्के, डाक टिकट और पांडुलिपियाँ, हनुमान जी के प्रति भक्तिभाव का अनूठा दस्तावेज प्रस्तुत करती हैं।

यह संग्रह लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। संग्रहालय में दर्शाई गई एक विशालकाय हनुमान प्रतिमा के समक्ष श्रद्धालु नतमस्तक होकर आशीर्वाद ग्रहण करते दिखे।

सजावट और आध्यात्मिक सौंदर्य का अनुपम मेल

महोत्सव स्थल को सच्चे पुष्पों से सुसज्जित राम दरबार, भव्य रंगोली और दीपों से सजाया गया था। उपासना टीम द्वारा बनाई गई जय श्री राम की रंगोली ने जहां एक तरफ भक्तों को राममय कर दिया।

तो वहीं कमल और मयूर थीम वाली रंगोली ने चारों ओर भक्ति और आनंद का वातावरण रच दिया। आठ फीट ऊँची विशाल श्यामल हनुमान प्रतिमा भी श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण बनी रही, जहाँ भक्त लंबी कतारों में दर्शन के लिए खड़े रहे।

हनुमत कृपा सम्मान: समर्पित विभूतियों का अभिनंदन: पहले दिन के कार्यक्रम में हनुमत कृपा सम्मान समारोह का आयोजन भी हुआ। समाजसेवा, शिक्षा, संस्कृति और आध्यात्मिक साधना के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वालों में पूर्व न्यायाधीश रंगनाथ पाण्डेय, सीएमएस की संस्थापक डॉ. भारती गांधी, समाजसेविका रजनी सिंह, गौसेविका रंजना अग्निहोत्री, आध्यात्मिक साधिका मोनिका सिन्हा, वरिष्ठ हास्य कवि सर्वेश अस्थाना जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इन सभी विभूतियों को समिति द्वारा श्रीराम हनुमत पटका, प्रमाणपत्र और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।

भजन संध्या: भक्ति रस की अविरल धारा

रात्रि को आयोजित भजन संध्या में भजन गायक विवेकानंद पाण्डेय और किशोर चतुर्वेदी ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। “निर्बल होकर कोई जब उन्हें पुकारा है…” और “सुनिए सुनिए श्री हनुमान…” जैसे भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमते और नाचते रहे। पूरे कार्यक्रम में श्रद्धा, समर्पण और भक्ति का एक महासंगम देखने को मिला। कार्यक्रम का समापन भव्य ज्योति प्रार्थना, आरती और दिव्य हनुमत भंडारे के प्रसाद वितरण के साथ हुआ।

पीपल पत्र पर ‘जय श्रीराम’ लेखन: श्रद्धा की अनूठी पहल

महोत्सव में श्रद्धालुओं ने पीपल के पत्ते पर चंदन और रोली से “जय श्रीराम” लिखकर हनुमान जी को अर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि पीपल के पत्र पर लिखी गई “जय श्रीराम” अर्पित करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है और संकटों का निवारण होता है। यह पहल भक्तों के लिए एक नई भक्ति अनुभूति लेकर आई। truenewsup.com के संस्थापक एवं मुख्य सम्पादक शिवसागर सिंह चौहान ने भी महोत्सव में पहुँचकर पीपल के पत्ते में जय श्री राम लिखकर हनुमान जी को अर्पित किया, साथ ही समस्त भक्तों के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

बलरामपुर गार्डेन में रविवार 27 अप्रैल को महोत्सव के विशेष आकर्षण

रविवार को महोत्सव में भक्तों के लिए विशेष कार्यक्रम निर्धारित हैं:

  • सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ (रजनी सिंह व दल द्वारा)
  • आनंद त्रिपाठी द्वारा हनुमत चरित्र पर काव्य व प्रवचन
  • प्रयागराज के जितेन्द्र बजरंगी द्वारा दिव्य नृत्य प्रस्तुति
  • भजन गायक ओमकार शंकधर की भक्ति संध्या
  • और अंत में, बनारस की विश्वविख्यात गंगा महाआरती, जिसे देखना अपने आप में एक आध्यात्मिक अनुभव होगा।

श्रीराम हनुमत महोत्सव बना भक्ति, संस्कृति और भारतीय परंपराओं का उत्सव

TrueNewsUP की विशेष रिपोर्ट के अनुसार, बलरामपुर गार्डन में आयोजित श्रीराम हनुमत महोत्सव ने न केवल लखनऊवासियों को आध्यात्मिक आनंद दिया, बल्कि भारतीय संस्कृति के मूल्यों, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया है।

रविवार का समापन समारोह निश्चित ही भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक यात्रा साबित होगा।

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