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लखनऊ: नवयुग कन्या महाविद्यालय में डॉ.राजेश्वर सिंह ने दी डिजिटल स्मार्ट पैनल की सौगात, बोले- बेटियों के सपनों को मिलेगा नया आयाम, सफलता का मंत्र देते हुए कहा; लक्ष्य पर केंद्रित रहें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर पर आस्था रखें

  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने नवयुग कन्या महाविद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने की घोषणा की।
  • उन्होंने कहा कि 2030 तक 9.5 करोड़ नई डिजिटल नौकरियां सृजित होंगी, जिनका लाभ बेटियों को उठाना चाहिए।
  • शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए उन्होंने बेटियों को तकनीकी दक्षता बढ़ाने की सलाह दी।
  • कैप्टन शिवा चौहान, शिवांगी सिंह और रितु करिधाल जैसी महिलाओं को प्रेरणास्त्रोत बताया।
  • ‘भारतीय ज्ञान परंपरा के सन्दर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020’ पुस्तक का विमोचन किया गया।

लखनऊ, 25 फरवरी 2025: शिक्षा और तकनीकी विकास के संगम से ही समाज आगे बढ़ता है, और इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने नवयुग कन्या महाविद्यालय के फाउंडर्स डे समारोह में छात्राओं को प्रेरणादायी संबोधन दिया। उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भरता, तकनीकी दक्षता और लक्ष्य पर केंद्रित रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर उन्होंने महाविद्यालय में डिजिटल स्मार्ट पैनल की स्थापना की घोषणा भी की, जिससे जटिल विषयों को समझना आसान होगा।

इस दौरान डॉ.राजेश्वर सिंह ने कहा

आज का युवा अपने करियर को लेकर स्पष्ट है, यही उन्नति की पहली सीढ़ी है। बेटियों को डिजिटल स्किल्स अपनाकर 9.5 करोड़ नई नौकरियों के अवसरों को भुनाना चाहिए। शिक्षा और तकनीकी दक्षता के समावेश से ही युवा सशक्त बन सकते हैं। बेटियां हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं, उन्हें और आगे बढ़ाने की जरूरत है। लक्ष्य पर केंद्रित रहना, कड़ी मेहनत करना और ईश्वर पर आस्था रखना ही सफलता का मूल मंत्र है।

बेटियों को मिली नई प्रेरणा, स्मार्ट क्लासरूम से होगा ज्ञानवर्धन

डॉ. सिंह ने महाविद्यालय में डिजिटल स्मार्ट पैनल लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम छात्राओं की शिक्षा को अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाएगा। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी जेंडर न्यूट्रल है और बेटियों को चाहिए कि वे डिजिटल कौशल में दक्षता हासिल कर भविष्य के अवसरों को अपनाएं।

महिला सशक्तिकरण के प्रतीक बनेगीं छात्राएं

उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जैसी सशक्त नारियों का उदाहरण देते हुए कहा कि आज भारत में बेटियां हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रही हैं। उन्होंने कैप्टन शिवा चौहान, शिवांगी सिंह, रितु करिधाल और सुनीता विलियम्स जैसी महिलाओं की उपलब्धियों का जिक्र किया, जिन्होंने अपनी मेहनत से असंभव को संभव बनाया।

शिक्षा और तकनीक के समावेश से मिलेगा सफलता का मार्ग

डॉ. सिंह ने भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उच्च शिक्षा केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि हर साल 4.2 करोड़ युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें 2.2 करोड़ बेटियां हैं। उन्होंने यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का उदाहरण देते हुए कहा कि केवल लक्ष्य पर केंद्रित रहकर मेहनत करने वाले ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

युवाओं को खेल-कूद और स्वास्थ्य पर भी देना होगा ध्यान

डॉ. सिंह ने 2030 तक भारत में प्रत्येक दसवां बच्चा मोटापे से ग्रसित होने की आशंका को लेकर चिंता जताई और युवाओं को खेल-कूद में सक्रिय रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि शारीरिक रूप से फिट नहीं रहेंगे, तो मानसिक रूप से भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।

डिजिटल क्रांति और रोजगार के नए अवसर

डॉ. सिंह ने बताया कि 2030 तक 8.5 करोड़ पारंपरिक नौकरियां समाप्त हो जाएंगी, जबकि 9.5 करोड़ नई डिजिटल नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, ब्लॉकचेन और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में दक्षता प्राप्त करें।

डॉ. राजेश्वर सिंह का संकल्प: बेटियों को मिलेगा श्रेष्ठ शिक्षा का अवसर

कार्यक्रम के अंत में डॉ. सिंह ने कहा कि उन्होंने सरोजनीनगर में 30 से अधिक स्कूलों में डिजिटल लैब्स स्थापित करवाई हैं, 18 कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम बनवाए हैं और 1000 से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप, टैबलेट और साइकिल प्रदान की है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित पुस्तक का विमोचन

इस अवसर पर ऐश्वर्या सिंह, डॉ. मंजुला उपाध्याय और डॉ. विनीता सिंह द्वारा संकलित पुस्तक ‘भारतीय ज्ञान परंपरा के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियां

कार्यक्रम में प्रबंध समिति के अध्यक्ष कौशल कुमार अग्रवाल, प्रबंधक प्रतिनिधि अमित दयाल, प्राचार्य प्रो. मंजुला उपाध्याय, प्रो. मनोज पांडेय, प्रो. विनोद चंद्रा, प्रो. संजय मिश्रा, प्रो. संगीता कोटवाल और मेजर मनप्रीत कौर सहित शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं।

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