
- डॉ. राजेश्वर सिंह ने उत्तरायणी कौथिग मेले में ₹5 लाख और नीलमथा में सार्वजनिक स्थल के विकास के लिए ₹10 लाख की घोषणा की।
- उन्होंने ‘भारत को जानो’ प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया और युवाओं को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से प्रेरणा लेने को कहा।
- सर्वधर्म सम्मेलन में उन्होंने सभी धर्मों की शिक्षाओं की सराहना की और वसुधैव कुटुंबकम के महत्व पर जोर दिया।
- तारा शक्ति रसोई और डिजिटल शिक्षा केंद्रों के माध्यम से सरोजनीनगर में चल रहे प्रयासों को उजागर किया।
- माधव सेवा आश्रम में खिचड़ी भोज में भाग लेते हुए उन्होंने वनवासी छात्रों के लिए अन्नदान किया और सेवा समर्पण संस्थान की सराहना की।

लखनऊ, 19 जनवरी 2025: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने उत्तरायणी कौथिग मेले में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया, जो गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में आयोजित किया गया था। मेले में उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्वतीय समाज के साहस और शौर्य की सराहना की। डॉ. सिंह ने कहा, “तलवार चाहिए ना कोई ढाल चाहिए, देश की रक्षा के लिए बस गढ़वालियों के खून में उबाल चाहिए।” उन्होंने सूबेदार बद्रीनाथ से लेकर मेजर सोमदत्त शर्मा और जनरल विपिन रावत जैसे वीरों के योगदान को याद करते हुए कहा कि पर्वतीय समाज शौर्य और वीरता का प्रतीक है।

इस अवसर पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने मेले की व्यवस्थाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए ₹5 लाख की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही, सरोजनीनगर के नीलमथा क्षेत्र में पर्वतीय समाज के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक सार्वजनिक स्थल के विकास के लिए ₹10 लाख की धनराशि उपलब्ध कराने का भी वादा किया।

पर्वतीय महा परिषद के अध्यक्ष गणेश चंद जोशी के अनुरोध पर, डॉ. सिंह ने उत्तर प्रदेश में रह रहे 1 करोड़ से अधिक पर्वतीय समाज के लोगों के समेकित विकास के लिए प्रदेश में पर्वतीय महा परिषद के गठन के प्रयास करने का आश्वासन दिया। इस बैठक में टीएस मनराल, केएन चंदोला, महेंद्र रावत, गोवर्धन भट्ट, और अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
“भारत विकास परिषद” द्वारा आयोजित ‘भारत को जानो’ प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित

डॉ. राजेश्वर सिंह ने सीएमएस विशाल खंड, गोमतीनगर में आयोजित 24वीं अखिल भारतीय ‘भारत को जानो’ प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लिया। इस समारोह का आयोजन भारत विकास परिषद द्वारा किया गया था। डॉ. सिंह ने विजेताओं को सम्मानित किया और युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार, “अतीत की नींव पर भविष्य की श्रेष्ठताओं का निर्माण होता है।” उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत के प्राचीन ज्ञान और संस्कृति से प्रेरणा लेकर देश को फिर से विश्व गुरु बनाने में योगदान देना चाहिए।

उन्होंने बताया कि भारत की 50% से अधिक जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है, और युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जानने और उससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। इस मौके पर उन्होंने नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय, शून्य के आविष्कारक आर्यभट्ट, और योग के जनक पतंजलि की चर्चा की। डॉ. सिंह ने भारत विकास परिषद की प्रशंसा की और उनके प्रयासों को सराहा।
इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत के पूर्व निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने भी सभा को संबोधित किया। अन्य प्रमुख उपस्थितियों में परिषद के संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल, गजेन्द्र सिंह संधू, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
सर्वधर्म सम्मेलन और खिचड़ी भोज में भागीदारी

डॉ. राजेश्वर सिंह ने आशियाना परिवार लखनऊ संस्था द्वारा आयोजित 25वें सर्वधर्म सम्मेलन और खिचड़ी भोज में भी हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु उपस्थित थे। अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने कहा, “विश्व के सभी धर्म सत्य, दया, करुणा, क्षमा और अहिंसा जैसे गुणों के पोषक हैं।” उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मूल दर्शन पर जोर दिया और कहा कि यह भारत का वास्तविक संदेश है।

डॉ. सिंह ने आगे बताया कि सरोजनीनगर में तारा शक्ति रसोई के माध्यम से प्रतिदिन 4,000 जरुरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा, 140 तारा शक्ति केंद्रों के माध्यम से मातृशक्ति को आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरोजनीनगर में 50 मेगावाट से अधिक सोलर ऊर्जा का उत्पादन हो चुका है और 9 रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केंद्रों की स्थापना की गई है।
इस कार्यक्रम में धर्माचार्यों के अलावा पूर्व सांसद अशोक बाजपेई, पूर्व मंत्री सरदार सर्वजीत सिंह डांग, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, और अन्य प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित थे।
माधव सेवा आश्रम में खिचड़ी भोज के आयोजन में वनवासी छात्रों के लिए अन्नदान हेतु डिजिटल माध्यम से अर्पित की समर्पण राशि

डॉ. राजेश्वर सिंह ने मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में माधव सेवा आश्रम में आयोजित खिचड़ी भोज में भी भाग लिया। इस आयोजन का संचालन सेवा समर्पण संस्थान द्वारा किया गया था, जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का एक अनुषांगिक संगठन है। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने वनवासी छात्रों के लिए अन्नदान हेतु डिजिटल माध्यम से समर्पण राशि भी अर्पित की और सेवा समर्पण संस्थान के कार्यों की प्रशंसा की। इस दौरान माधव सेवा आश्रम के संयोजक शरद जैन, पी.के. मिश्रा, गुड्डू, जितेंद्र अग्रवाल, और अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।