
- “सौर ऊर्जा केवल विकल्प नहीं, पृथ्वी के भविष्य की जिम्मेदारी है” – डॉ. राजेश्वर सिंह
- “ईवी की खरीद पर आकर्षक सब्सिडी, ग्रीन मोबिलिटी में उत्तर प्रदेश बन रहा अग्रणी ” – विधायक राजेश्वर सिंह
- ” सीएम योगी द्वारा 2030 तक सौर ऊर्जा क्षमता 22,000 MW बढ़ाने का लक्ष्य हरित ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल” – डॉ. राजेश्वर सिंह
- “7 महीने में ही खत्म हो जा रहा पृथ्वी का उत्पादन, अगले 5 महीने सिर्फ दोहन” – डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ: सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शुक्रवार को सराय शहजादी, बंथरा में राज्य के प्रथम सौर ऊर्जा संचालित इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन मैसिव मोबिलिटी एवं इंजीनियर सोलरवाला द्वारा स्थापित किया गया है। इस अवसर पर विधायक ने कंपनी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, “सौर ऊर्जा केवल ऊर्जा का विकल्प नहीं, बल्कि पृथ्वी के भविष्य से जुड़ी एक जिम्मेदारी है। जितना अधिक हम इसका उपयोग करेंगे, उतना ही हम स्थायी विकास की दिशा में आगे बढ़ेंगे।”

वायु प्रदूषण और ऊर्जा संकट: समाधान की दिशा में सौर ऊर्जा
डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि आज विश्व में वायु प्रदूषण के कारण लगभग 80 लाख लोगों की असामयिक मृत्यु होती है, जिनमें से 25 लाख से अधिक भारत में होती हैं, यह स्थिति अत्यंत भयावह और चेतावनी देने वाली है। उन्होंने कहा, “सौर ऊर्जा न केवल पर्यावरणीय विकल्प है, बल्कि जीवन रक्षा का संकल्प भी है।”

डॉ. सिंह ने अर्थ ओवरशूट डे (Earth Overshoot Day) का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1972 में जब इसकी अवधारणा आई, तब यह 23 दिसंबर को पड़ता था , यानी मनुष्य उस समय तक पृथ्वी के द्वारा साल भर में उत्पन्न संसाधनों का उपभोग करता था। लेकिन आज, 2024 में यह तिथि घटकर 1 अगस्त पर आ गई है, यानी वर्ष के बाकी पाँच महीने हम पृथ्वी का अत्यधिक दोहन करते हैं। यह सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की असफलता का संकेत है।
ईवी क्रांति में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका –
डॉ. सिंह ने बताया कि आज विश्व की हर चौथी गाड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) है। भारत में मार्च 2025 तक 20 लाख से अधिक ईवी की बिक्री हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 3.75 लाख से अधिक ईवी पंजीकृत हैं। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर आकर्षक सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे लोगों में इन वाहनों की ओर रुझान बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि एक इलेक्ट्रिक वाहन औसतन हर साल 1.5 मिलियन ग्राम CO₂ उत्सर्जन बचा सकता है। ईवी न केवल शून्य प्रदूषण का विकल्प है, बल्कि भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए आयात घाटा कम करने और रुपये को मजबूत करने का एक जरिया भी है। यदि भारत 2030 तक 30% ईवी अपनाता है तो वह हर वर्ष 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तेल आयात लागत बचा सकता है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में ईवी अपनाने की क्रांति –
डॉ. सिंह ने कहा कि चीन और नॉर्वे जैसे देश ईवी के क्षेत्र में अग्रणी हैं। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष बेची जाने वाली हर चौथी कार इलेक्ट्रिक होगी। 2024 में वैश्विक ईवी बिक्री 1 करोड़ 70 लाख से अधिक रही और 2025 में यह 2 करोड़ का आंकड़ा पार करने की ओर अग्रसर है। भारत में ईवी की हिस्सेदारी 2020 में 0.7% से बढ़कर 2024 में 6.3% हो गई है। भारत की सड़कों दौड़ने वाली ईवी 1 करोड़ टन से अधिक CO₂ उत्सर्जन को रोकने में सहायक हैं। यह बदलाव न केवल प्रदूषण को कम करता है, बल्कि रोजगार भी उत्पन्न करता है और सार्वजनिक-निजी निवेश में अब तक 21.5 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान हुआ है।
यूपी के सौर ऊर्जा मिशन की प्रगति –
विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोलर एनर्जी पालिसी -2022 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता निर्माण के लक्ष्य की सराहना की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने 2017 में जहाँ 288 मेगावाट सौर क्षमता से शुरुआत की थी, वहीं 2025 तक यह क्षमता बढ़कर 2,653 मेगावाट तक पहुँच गई है। आने वाले वर्षों में इसे 22,000 मेगावाट तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर मैसिव मोबिलिटी के संस्थापक शैलेश विक्रम सिंह, इंजीनियर सोलरवाला के संस्थापक आशीष दीक्षित, विद्याधर दीक्षित, अन्नपूर्णा, राजेश सिंह चौहान, शंकरी सिंह, कर्नल दयाशंकर दुबे, अनिल सिंह, राजेश सिंह, चंदर सिंह, जितेंद्र सिंह पिंकू, अंकुर सिंह (प्रधान प्रतिनिधि), विनय दीक्षित, संजीव मिश्रा फंटन व अन्य मौजूद रहे।