
- बीकेटी थाना क्षेत्र में 1 जनवरी को हुए ब्लाइंड मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा किया।
- ग्राम सिरसा कमलापुर में एक युवक का हाथ-पैर बंधा शव बरामद हुआ था।
- पुलिस ने हत्या के आरोप में आकाश गौतम, कुणाल गुप्ता, उमेश गौतम और राजू नाग को गिरफ्तार किया।
- हत्याकांड का एक अन्य आरोपी संग्राम रावत पहले से बाराबंकी जेल में पॉक्सो एक्ट के तहत बंद है।
- केस सुलझाने वाली पुलिस टीम को डीसीपी उत्तरी जोन गोपाल कृष्ण चौधरी ने 20,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की।
लखनऊ, 07 फरवरी 2025: पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के उत्तरी जोन की बीकेटी थाना पुलिस ने 1 जनवरी को हुए ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस टीम को डीसीपी उत्तरी जोन गोपाल कृष्ण चौधरी ने 20,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
हत्या की पूरी वारदात
डीसीपी गोपाल कृष्ण चौधरी के अनुसार, ग्राम सिरसा कमलापुर में एक युवक का शव बरामद हुआ था, जिसके हाथ-पैर पीछे बंधे हुए थे। शव मिलने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी। इस हत्याकांड को लेकर पुलिस की कई टीमें गठित की गईं, जिन्होंने वैज्ञानिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी और उनके आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस ने इस हत्या में शामिल चार मुख्य आरोपियों – आकाश गौतम, कुणाल गुप्ता, उमेश गौतम और राजू नाग को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इस हत्याकांड का एक अन्य आरोपी संग्राम रावत पहले से ही बाराबंकी जेल में पॉक्सो एक्ट के तहत बंद है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों पर पहले से भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस इनसे जुड़े पुराने मामलों की भी पड़ताल कर रही है।
पुलिस टीम को इनाम की घोषणा
इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने 20,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने पुलिस टीम की सराहना करते हुए कहा कि टीम ने कड़ी मेहनत और सूझबूझ से इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाया, जिससे हत्यारों को पकड़ने में सफलता मिली।
पुलिस की अपील
लखनऊ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिले, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, अपराधियों की गिरफ्तारी में सहयोग करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।