
- डॉ. राजेश्वर सिंह को हाउस ऑफ लॉर्ड्स, लंदन में ‘राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्टता’ सम्मान से नवाज़ा गया।
- उन्होंने भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के तहत उत्तर प्रदेश के निर्यात अवसरों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
- प्रवर्तन अधिकारी, अधिवक्ता और विधायक के रूप में उनके बहुआयामी योगदान को वैश्विक मंच पर सराहा गया।
- ICA लंदन कॉन्फ्रेंस 2025 में वे भारत-यूके वाणिज्यिक पंचाट विषय पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
- यूके-इंडिया लीगल पार्टनरशिप को उन्होंने कानूनी कूटनीति और WTO समन्वय के लिए अहम बताया।

लखनऊ/लंदन (यूनाइटेड किंगडम), True News Up ब्यूरो : भारतीय राजनीति में एक अनुशासित, जनसेवी और विधिक दक्षता से परिपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में पहचान बना चुके उत्तर प्रदेश के सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा सम्मान मिला है। लंदन स्थित प्रतिष्ठित हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित एक विशेष समारोह में उन्हें “राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्ट योगदान” के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने भारत और यूके के बीच यूके-इंडिया लीगल पार्टनरशिप (UKILP) के अंतर्गत कानूनी सहयोग, विवाद समाधान तंत्र, वाणिज्यिक पंचाट और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के जरिए उत्तर प्रदेश की वैश्विक संभावनाओं को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया।
एक सम्मान, जो बहुआयामी सेवाओं को समर्पित है

डॉ. सिंह ने अपने भाषण में कहा, “यह सम्मान सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरे विधान सभा क्षेत्र सरोजनीनगर, मेरे प्रदेश उत्तर प्रदेश और भारत की विधिक, प्रशासनिक और सामाजिक समर्पण परंपरा को समर्पित है।” उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा केवल एक राजनेता तक सीमित नहीं रही है, बल्कि इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) में वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और NCLAT में अधिवक्ता, तथा विधानसभा सदस्य के रूप में काम करते हुए उन्होंने FEMA, PMLA मामलों से लेकर जनहित याचिकाओं और सशक्त विधायी प्रस्तावों तक देशहित को सर्वोपरि रखा।
हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारतीय नेतृत्व का सम्मानजनक प्रतिनिधित्व
लंदन के वेस्टमिंस्टर पैलेस स्थित ऐतिहासिक हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित समारोह में डॉ. सिंह के साथ कई गणमान्य हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें भारत के केंद्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, ब्रिटिश सांसद लॉर्ड वीरेंद्र शर्मा, उद्योगपति एवं लॉर्ड रामी रेंजर, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, दुबई और ऑस्ट्रेलिया के न्यायमूर्ति, व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विधिक विशेषज्ञ शामिल रहे।
यह अवसर न केवल भारत के विधिक दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का रहा, बल्कि यह दिखाता है कि भारत की क्षेत्रीय राजनीति और कानूनी दक्षता अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई साख स्थापित कर रही है।
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और उत्तर प्रदेश की भूमिका
डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने वक्तव्य में यूके-इंडिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि “यह समझौता भारत और यूके के बीच व्यापार, रोजगार, निवेश और वैश्विक रणनीति को एक नया आयाम देगा।” उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 2024 में यह व्यापार $57 बिलियन था। उम्मीद है कि यह 2030 तक $120 बिलियन के आंकड़े को पार करेगा।
उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में 2017 में ₹84,000 करोड़ का निर्यात होता था, जो अब ₹1.70 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यदि इस समझौते का लाभ और कानूनी सुधारों का सही क्रियान्वयन हो, तो अगले 3 से 5 वर्षों में यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है।”
यूके-इंडिया लीगल पार्टनरशिप (UKILP): कानूनी कूटनीति की नई शुरुआत
डॉ. राजेश्वर सिंह ने जोर देकर कहा कि व्यापारिक सहयोग के साथ-साथ एक मज़बूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा बनाना बेहद आवश्यक है, जो WTO समन्वय, अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान और निष्पक्ष पंचाट व्यवस्था को सुनिश्चित करे। इस संदर्भ में UKILP की भूमिका को उन्होंने “कानूनी कूटनीति की नई शुरुआत” बताया।
ICA लंदन सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में सहभागिता
सम्मान समारोह के एक दिन बाद, 5 जून को डॉ. सिंह को ICA लंदन कॉन्फ्रेंस 2025 में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया, जहां उन्होंने “भारत-यूके वाणिज्यिक विवादों का पंचाट” विषय पर हो रहे सम्मेलन में प्रमुख विशेषज्ञों, कानूनविदों और बुद्धिजीवियों को संबोधित किया। उन्होंने भारत में ADR (Alternative Dispute Resolution) प्रणाली की उपयोगिता और भारत-यूके के बीच अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के भविष्य पर महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे।
विधिक अभ्यास, प्रवर्तन और विधायी कार्य का संगम
डॉ. सिंह ने इस बात पर विशेष बल दिया कि उनकी यात्रा तीन प्रमुख विधिक आयामों — प्रवर्तन, अधिवक्ता और विधायक — का संगम है। उन्होंने बताया कि उन्होंने न केवल कानून लागू किया है, बल्कि उसे न्यायालयों में चुनौती दी और फिर विधानसभा में उसे जनहित के अनुरूप नया रूप दिया।
उनके उल्लेखनीय विधायी कार्यों में राजधानी क्षेत्र विकास अधिनियम (SCR) और उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून (2024 संशोधन) जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों का निर्माण और पारित कराना शामिल है।
भारत की कानूनी सोच को मिला वैश्विक मंच
डॉ. राजेश्वर सिंह का यह दौरा भारत की कानूनी, विधायी और राजनीतिक सोच को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित मंचों पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने का एक प्रेरणादायक उदाहरण बना है। उनके विचार, अनुभव और दृष्टिकोण ने यह सिद्ध किया कि भारत का नेतृत्व वैश्विक विमर्श में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम है।