मॉस्को: रूस और उज्बेकिस्तान “ट्रांस-अफगानिस्तान रेलवे” परियोजना के लिए अफगानिस्तान में संभावना तलाश रहे हैं। इसके लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं, अगर सबकुछ ठीक रहा, तो भूमि से घिरे मध्य एशियाई देशों को भारतीय उपमहाद्वीप तक पहुंच प्रदान करेगी। रूस के शीर्ष मंत्रियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है। उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने 16वें अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच ‘रूस-इस्लामिक वर्ल्ड : काजान फोरम 2025’ में कहा कि ट्रांस-अफगान रेलवे के लिए किया जाने वाला सर्वेक्षण 2026 में पूरा हो जाएगा।
जुड़ेंगे ये देश
ट्रांस-अफगान परिवहन कॉरिडोर यूरोपीय संघ (ईयू), रूस, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ेगा। उज्बेकिस्तान का दक्षिणी शहर टर्मेज तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा निर्मित रेल मार्ग के माध्यम से पहले से ही उत्तरी अफगानिस्तान के खैरातन से जुड़ा हुआ है।
रेलवे विशेषज्ञ कर रहे हैं काम
समाचार एजेंसी ‘इंटरफैक्स’ ने ओवरचुक के हवाले से कहा, “रूस और उज्बेकिस्तान के रेलवे विशेषज्ञ मिलकर ट्रांस-अफगान रेलवे परियोजना के फिजिबिलिटी सर्वे का मसौदा तैयार कर रहे हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सर्वे 2026 की शुरुआत में पूरा हो जाएगा, ताकि इसके कार्यान्वयन के सिलसिले में फैसला लिया जा सके।”
बदल जाएगा पूरे क्षेत्र का परिवहन भूगोल
सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर में रूस के उप परिवहन मंत्री दमित्री जेवरेव के हवाले से दावा किया गया है कि ट्रांस-अफगान मार्ग पूरे क्षेत्र के भूगोल और परिवहन भूगोल को बदल देगा। जेवरेव ने मुस्लिम-बहुल तातारस्तान की राजधानी काजान में आयोजित ‘रूस-इस्लामिक वर्ल्ड : काजान फोरम 2025’ में कहा, “बहुपक्षीय कार्य समूह का आभार, जिसकी वजह से अफगानिस्तान में सर्वेक्षण किया जा रहा है। उज्बेक रेलवे इसमें अपने रूसी सहयोगियों के साथ मिलकर सर्वेक्षण कर रहा है।”
यह भी जानें
‘इंटरफैक्स’ की खबर के अनुसार, परियोजना में रूस की भागीदारी के सिलसिले में एक प्रारंभिक समझौता अप्रैल 2024 में उज्बेक राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव की मॉस्को यात्रा के दौरान हुआ था। खबर के मुताबिक, उज्बेकिस्तान के परिवहन मंत्रालय ने पहले कहा था कि ट्रांस-अफगान रेलवे के निर्माण में कम से कम पांच साल लगेंगे और परियोजना की अनुमानित लागत 4.8 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है।