
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम 5वें बड़े मंगल पर 60 भंडारों में पहुंची
- पहले और दूसरे मंगल को स्वयं विधायक ने 30 भंडारों में भागीदारी की
- पूरे माह में कुल 170 से अधिक भंडारों में टीम राजेश्वर की सक्रिय सहभागिता
- बड़े मंगल के अवसर पर सेवा, भक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश
- अलीगंज, यूपी प्रेस क्लब, तलीबाग, आशियाना, लतीफ नगर सहित कई स्थानों पर टीम की उपस्थिति
- बड़े भाई रामेश्वर सिंह ने भी दर्जनों भंडारों में लिया भाग
- वर्ष 2025 में पांच मंगल का विशेष योग, लखनऊ में उत्सव जैसा माहौल

लखनऊ, 10 जून 2025 – लखनऊ की पवित्र और सांस्कृतिक परंपरा ‘बड़े मंगल’ के पंचम और अंतिम मंगल को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने एक बार फिर सामाजिक सहभागिता और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर टीम ने राजधानी में आयोजित लगभग 60 भंडारों में सक्रिय भागीदारी की।

इस अवसर पर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के बड़े भाई रामेश्वर सिंह ने भी कई प्रमुख स्थलों पर पहुंचकर प्रसाद वितरण और पूजन में भाग लिया। उन्होंने अलीगंज, यूपी प्रेस क्लब (परिवर्तन चौक), चावला मार्केट (तलीबाग), सेक्टर J (बंगला बाजार, आशियाना), सेक्टर K (आशियाना), चेतना डेंटल (किला चौराहा), शारदा नगर, दादूपूर, त्रिवेदी टेंट हाउस (लतीफ नगर), और जुनाबगंज जैसे क्षेत्रों में आयोजित भंडारों में सहभागिता निभाई।

पहले और दूसरे मंगल पर विधायक स्वयं पहुंचे थे 30 भंडारों में
ज्येष्ठ मास के पहले और दूसरे मंगल के दिन विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह स्वयं 30 भंडारों में पहुंचे थे और वहां भक्तों के साथ पूजन, प्रसाद वितरण और सेवा कार्य में शामिल हुए थे। उन्होंने महाबली हनुमान के चरणों में श्रद्धा प्रकट करते हुए सेवा भावना को सामाजिक समरसता का माध्यम बताया।

पूरा ज्येष्ठ माह जनसेवा, भक्ति और सामाजिक समरसता के रंग में रंगा रहा। डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने इस धार्मिक-सामाजिक अभियान के तहत कुल 170 से अधिक भंडारों में पहुंच बनाकर लखनऊ के लोगों के बीच सेवा, सद्भाव और विश्वास का गहरा रिश्ता स्थापित किया।
धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

‘बड़ा मंगल’ लखनऊ की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण अंग है। यह पर्व ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है। शहरभर में लगने वाले हनुमान जी के भंडारे इस पर्व की पहचान बन चुके हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भंडारों में प्रसाद ग्रहण करते हैं और सेवा कार्यों में भाग लेते हैं।
लखनऊ के अलीगंज स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर से इस परंपरा की शुरुआत मानी जाती है। सेवा, दान, भक्ति और सामुदायिक सहभागिता इस पर्व के मूल तत्व हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे का उत्सव भी है।
वर्ष 2025 में विशेष संयोग
वर्ष 2025 का ज्येष्ठ मास खास रहा क्योंकि इस बार पांच बड़े मंगल का संयोग बना। इसे लेकर लखनऊवासियों में विशेष उत्साह देखा गया। डॉ. राजेश्वर सिंह और उनकी टीम की सक्रिय उपस्थिति ने इस उत्सव को और भी प्रभावशाली बना दिया।