
- 7 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियाँ, 3 HAL प्लांट्स, और 6 रक्षा कॉरिडोर नोड्स के माध्यम से यूपी रक्षा उत्पादन का आधार बन गया है।
- AK-203 राइफल और ब्रह्मोस मिसाइल जैसी अत्याधुनिक परियोजनाएँ राज्य की रणनीतिक क्षमता दर्शाती हैं।
- Adani Defence, PTC Industries, MKU, और Lohia Aerospace जैसी निजी कंपनियाँ राज्य को वैश्विक रक्षा बाजार से जोड़ रही हैं।
- अनुसंधान, उत्पादन, परीक्षण और निर्यात में यूपी की बहुआयामी उपस्थिति भारत को सैन्य आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है।
- मोदी-योगी युग में उत्तर प्रदेश आज भारत का रणनीतिक शस्त्रागार बनकर उभरा है।
लखनऊ, 1 जून 2025: उत्तर प्रदेश आज जिस गति से भारत के रक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, वह केवल एक राज्य की प्रगति नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की उस राष्ट्रव्यापी भावना का जीवंत उदाहरण है, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मजबूत नेतृत्व और प्रशासनिक समर्पण ने इस राज्य को भारत के रक्षा उत्पादन और वैश्विक निर्यात का केंद्र बना दिया है।
सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने रविवार को सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से एक विस्तृत पोस्ट में उत्तर प्रदेश की रक्षा क्षेत्र में उपलब्धियों और वर्तमान भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश अब भारत की रणनीतिक सुरक्षा नीति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
राइफल से रॉकेट तक: उत्तर प्रदेश की रक्षा यात्रा
डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा,
“उत्तर प्रदेश केवल हथियार नहीं बना रहा, यह भारत का रक्षा भविष्य गढ़ रहा है। आज हमारा राज्य नवाचार, आत्मनिर्भरता और औद्योगिक क्षमता का प्रतीक बन चुका है। AK-203 राइफल से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक — यूपी भारत की रक्षा शक्ति को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश को ‘राइफल से रॉकेट तक’ की संज्ञा देते हुए विस्तार से बताया कि कैसे यह राज्य रक्षा उत्पादन से लेकर परीक्षण और वैश्विक निर्यात तक पूरे रक्षा मूल्य श्रृंखला में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उत्तर प्रदेश में रक्षा अवसंरचना का तेज़ी से विकास
डॉ. सिंह द्वारा साझा किए गए तथ्यों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में रक्षा क्षेत्र की बुनियादी ढांचा कुछ इस प्रकार विस्तार पा रही है:
1. सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाइयाँ:
- स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, कानपुर
- फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर
- 7 ऑर्डनेंस फैक्ट्रियाँ, जिनमें से:
- 3 फैक्ट्रियाँ कानपुर में
- 1-1 मुरादनगर, शाहजहाँपुर, फिरोजाबाद और अमेठी में
2. HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड):
- 3 प्लांट्स: लखनऊ, कानपुर और अमेठी
- 2 अनुसंधान एवं विकास केंद्र: लखनऊ और कानपुर
3. भारत-रूस की संयुक्त परियोजनाएँ:
- AK-203 राइफल निर्माण इकाई, अमेठी
- ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई, लखनऊ
4. विशेष औद्योगिक संरचना:
- 6 रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर नोड्स: कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़
- 3 रक्षा परीक्षण केंद्र: 2 कानपुर, 1 लखनऊ
निजी क्षेत्र की अग्रणी भूमिका:
उत्तर प्रदेश के रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी ने राज्य को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ा है:
- Adani Defence द्वारा कानपुर में एशिया की सबसे बड़ी हथियार व गोला-बारूद निर्माण इकाई
- PTC Industries, लखनऊ — भारत का पहला स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स
- MKU Limited, कानपुर — 100+ देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करने वाली कंपनी
- Lohia Aerospace, कानपुर — भारत की पहली बहुराष्ट्रीय एयरोस्पेस कंपोज़िट कंपनी
वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में यूपी की भूमिका
डॉ. सिंह ने कहा कि यह सब सिर्फ एक राज्य का औद्योगिक विकास नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक सुरक्षा आपूर्ति श्रृंखला का पुनर्निर्माण है। उत्तर प्रदेश अब केवल हथियार निर्माण तक सीमित नहीं, बल्कि अनुसंधान, उत्पादन, परीक्षण और निर्यात जैसे हर चरण में भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता की रीढ़ बन चुका है।
उन्होंने लिखा, “यह परिवर्तन दिखाता है कि कैसे एक राज्य नीति, प्रतिबद्धता और तकनीकी समन्वय से राष्ट्रीय रणनीतिक लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।”
मोदी-योगी नेतृत्व: नीति, निष्ठा और निष्पादन का संगम
डॉ. राजेश्वर सिंह ने केंद्र व राज्य सरकारों के प्रयासों को निर्णायक बताते हुए कहा:
“यह सब कुछ संभव हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी नीति और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कठोर प्रशासनिक दृष्टिकोण से। उत्तर प्रदेश का रक्षा क्षेत्र आज रोज़गार, नवाचार और वैश्विक साझेदारियों का एक मज़बूत मॉडल बन चुका है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश न केवल भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि एशिया और विश्व के रक्षा आपूर्ति केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
भारत की रक्षा शक्ति का नया केंद्र बना उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश अब केवल ‘एक राज्य’ नहीं, बल्कि भारत की रक्षा नीति का ‘हृदयस्थल’ बन चुका है। जहां एक ओर यह राज्य रोज़गार और नवाचार का द्वार खोल रहा है, वहीं दूसरी ओर यह भारत की वैश्विक रणनीतिक पहचान को भी नई ऊंचाई दे रहा है।
डॉ. राजेश्वर सिंह जैसे दूरदर्शी नेताओं की सक्रिय सहभागिता इस विकास को ज़मीनी स्तर पर लागू करने में मदद कर रही है — जिससे आने वाला भविष्य उत्तर प्रदेश को विश्व रक्षा मानचित्र पर शीर्ष पंक्ति में स्थापित कर देगा।