
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ नियंत्रण के लिए नदियों की स्थानीय परिस्थितियों के ड्रोन सर्वेक्षण के निर्देश दिए।
- जहां नदी की मुख्य धारा में सिल्ट जमा हो, वहां ड्रेजिंग को प्राथमिकता देने और चैनलाइजेशन की व्यवस्था करने का आदेश।
- 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाएं पूरी, जिससे 60.45 लाख लोगों और 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि को राहत मिली।
- प्रदेश के 24 जिलों को बाढ़ के अति संवेदनशील और 16 जिलों को संवेदनशील श्रेणी में रखते हुए तटबंधों की सतत निगरानी का निर्देश।
- 31 मार्च तक सभी ड्रेनों की सफाई कराने, बाढ़ राहत कंट्रोल रूम को 24×7 सक्रिय रखने और अवैध खनन पर सख्त निगरानी रखने का आदेश।

लखनऊ, 28 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बाढ़ से स्थायी समाधान के लिए नदी की स्थानीय परिस्थितियों के अध्ययन और सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जहां नदी के मुख्य धारा (मेन स्ट्रीम) में सिल्ट जमा हो, वहां द्रेजिंग (गाद निकालने की प्रक्रिया) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, नदी के चैनलाइजेशन (जल प्रवाह को व्यवस्थित रूप से निर्देशित करने की प्रक्रिया) को भी बाढ़ से बचाव का एक सुनियोजित और स्थायी समाधान बताया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी नदियों का ड्रोन सर्वेक्षण कर उनकी स्थानीय परिस्थितियों की समुचित जानकारी प्राप्त की जाए, ताकि प्रभावी बाढ़ नियंत्रण रणनीति बनाई जा सके।
बाढ़ सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की। बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव ने अब तक की प्रगति की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ से होने वाली जन-धन हानि को रोकने के लिए बीते 8 वर्षों में सुनियोजित प्रयास किए गए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक उपायों के कारण, पिछले वर्षों की तुलना में बाढ़ से होने वाले नुकसान में काफी कमी आई है।
बाढ़ नियंत्रण की दिशा में हुई प्रगति
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग ने बताया कि 2018-19 से अब तक 1575 बाढ़ सुरक्षा परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इनमें से 305 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2024-25 में पूरी की गई हैं।
इन परियोजनाओं के तहत किए गए प्रयासों से:
- लगभग 4.97 लाख हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से सुरक्षित किया गया
- 60.45 लाख लोगों को राहत पहुंचाई गई
मुख्यमंत्री ने इन सभी परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई परियोजना समय पर पूरी नहीं होती, तो इससे न केवल कार्य प्रभावित होता है, बल्कि वित्तीय बजट भी बढ़ता है। इसलिए, किसी भी परियोजना का बजट पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा।
बाढ़ से संवेदनशील जिलों की सूची जारी, अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 24 जिले बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील श्रेणी में आते हैं, जबकि कुछ जिले संवेदनशील हैं।
अति संवेदनशील जिले:
- महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संत कबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी
संवेदनशील जिले:
- सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन अति संवेदनशील और संवेदनशील जिलों में तटबंधों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाए।
बाढ़ से सुरक्षा के लिए राज्य में निर्मित संरचनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाढ़ से सुरक्षा के लिए विभिन्न नदियों पर 523 तटबंध (3869 किलोमीटर लंबाई के) और 10727 ड्रेनेज नहरें (60047 किलोमीटर लंबाई के) निर्मित हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि इन सभी संरचनाओं की सतत निगरानी की जाए और 31 मार्च तक सभी ड्रेन की सफाई पूरी कर ली जाए।
बाढ़ नियंत्रण में आधुनिक तकनीकों का होगा प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आधुनिकतम तकनीकों का प्रयोग कर बाढ़ से सुरक्षा के लिए प्रभावी रणनीति बनाई गई है। उन्होंने ड्रोन सर्वेक्षण और सैटेलाइट इमेजिंग जैसी तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश:
✅ ड्रेजिंग को प्राथमिकता दी जाए जहां नदी उथली हो
✅ बाढ़ परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए, बजट पुनरीक्षण नहीं होगा
✅ ड्रोन सर्वेक्षण से नदियों की स्थिति की निगरानी की जाए
✅ 31 मार्च तक सभी ड्रेन की सफाई पूरी हो
✅ बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहे
✅ नदियों में अवैध खनन पर सख्त निगरानी रखी जाए
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि श्रावस्ती, गोंडा, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी में प्रस्तावित परियोजनाओं को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाढ़ नियंत्रण के लिए व्यापक और ठोस रणनीति बनाई जा रही है। नदियों के ड्रेजिंग, चैनलाइजेशन, ड्रोन सर्वेक्षण, और आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से उत्तर प्रदेश को बाढ़ मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। सरकार की यह पहल लाखों लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम साबित होगी।