
- सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर बोले – “प्रदेश सरकार की नीतियों से सहकारी बैंकों को मजबूती, शिक्षित युवाओं को रोजगार मिलने में मदद”
- 50 जिला सहकारी बैंकों ने भी अर्जित किया ₹162 करोड़ का लाभ
- बैंक का नेटवर्थ 74% बढ़कर ₹1516.43 करोड़, डिपॉजिट 105% बढ़ा
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारी क्षेत्र में आई मजबूत

लखनऊ, 3 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में सहकारी बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹100.24 करोड़ का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। इसी तरह, 50 जिला सहकारी बैंकों ने ₹162 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो 2016-17 की तुलना में 118% की वृद्धि को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के मुख्यालय, महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और सरकार की प्रभावी नीतियों के चलते सहकारी बैंकिंग सेक्टर में जबरदस्त सुधार हुआ है।
उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की ऐतिहासिक उपलब्धियां
2016-17 से 2024-25 तक बैंक की ग्रोथ
वित्तीय वर्ष | शुद्ध लाभ (₹ करोड़) | डिपॉजिट (₹ करोड़) | ऋण वितरण (₹ करोड़) | एनपीए (%) |
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2016-17 | ₹32.82 करोड़ | ₹6396.86 करोड़ | ₹9189.92 करोड़ | 5.70% |
2021-22 | ₹50.70 करोड़ | — | — | — |
2022-23 | ₹60.76 करोड़ | — | — | — |
2023-24 | ₹72.83 करोड़ | — | — | — |
2024-25 | ₹100.24 करोड़ | ₹13116.72 करोड़ | ₹23061.51 करोड़ | 2.70% |
- नेटवर्थ में 74% की बढ़ोतरी – 2016-17 में बैंक का नेटवर्थ ₹870.28 करोड़ था, जो 2024-25 में ₹1516.43 करोड़ तक पहुंच गया।
- डिपॉजिट में 105% की वृद्धि – 2016-17 में बैंक का कुल डिपॉजिट ₹6396.86 करोड़ था, जो अब ₹13116.72 करोड़ हो गया।
- ऋण वितरण में 150% की बढ़ोतरी – 2016-17 में कुल ऋण वितरण ₹9189.92 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹23061.51 करोड़ हो गया।
- एनपीए में जबरदस्त कमी – 2016-17 में बैंक का एनपीए 5.70% था, जो अब घटकर 2.70% रह गया।
50 जिला सहकारी बैंकों की शानदार परफॉर्मेंस
उत्तर प्रदेश के 50 जिला सहकारी बैंकों ने भी इस वर्ष जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 2024-25 में इन बैंकों ने ₹162 करोड़ का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो 2016-17 की तुलना में 118% अधिक है।
जिला सहकारी बैंकों की मुख्य उपलब्धियां
- कुल व्यवसाय – 2016-17 में ₹28,349.14 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹40,442.84 करोड़ हो गया।
- डिपॉजिट में 53.39% की वृद्धि – 2016-17 में ₹16,261.88 करोड़ था, जो 2024-25 में ₹24,942.84 करोड़ तक पहुंचा।
- एनपीए में कमी – 2016-17 में 12.81% था, जो अब घटकर 5.22% रह गया।
- धारा-11 का अनुपालन – 2016-17 में 16 बैंक धारा-11 के मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे, लेकिन अब सभी बैंक इस नियम का पालन कर रहे हैं।
- लाभ में चलने वाले बैंकों की संख्या – 2016-17 में 39 बैंक लाभ में थे, जबकि अब 49 बैंक मुनाफे में चल रहे हैं।
रोजगार और स्वरोजगार के लिए बैंक की योजनाएं
उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक MSME ऋण योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, PM विश्वकर्मा योजना, PMFME योजना और मुख्यमंत्री युवा योजना जैसी योजनाओं के जरिए शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में मदद कर रहा है।
- 2024-25 में MSME योजनाओं के तहत ₹24 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए।
- मुख्यमंत्री द्वारा 75.68 करोड़ रुपए की डिविडेंड राशि का वितरण किया गया।
- 15 जिला सहकारी बैंकों ने CGTMSE गारंटी कवर के लिए आवेदन किया, जिनमें से 4 को स्वीकृति मिल गई।
“सहकार से समृद्धि” योजना से सहकारिता को नया आयाम
भारत सरकार द्वारा 6 जुलाई 2021 को पृथक सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सहकारी संस्थाओं को अधिक व्यावसायिक और पारदर्शी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- “सहकार से समृद्धि” योजना के तहत पैक्स को बहुउद्देशीय बनाया गया।
- उत्तर प्रदेश की सभी पैक्स में मॉडल बायलॉज लागू किए गए।
- 7500 बी-पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता आएगी।
- 328 समितियों में सोलर रूफटॉप की स्थापना का शुभारंभ हुआ।
सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर का बयान
उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने कहा कि “प्रदेश सरकार की नीतियों और योजनाओं से सहकारी बैंकों की स्थिति मजबूत हुई है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजित हो रहे हैं। हमारी सरकार सहकारिता क्षेत्र को और भी पारदर्शी और समृद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।”
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कदमों से राज्य में सहकारी बैंकों की स्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है। इन बैंकों की बढ़ती संपत्ति, कम होता एनपीए, बढ़ते लाभ और नए रोजगार के अवसर प्रदेश के आर्थिक विकास को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।