
- डॉ. अंजना सिंह सेंगर की ग़ज़ल पुस्तक ‘यादों की रियास’ का लोकार्पण मॉरिशस के राष्ट्रपति ने किया।
- विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस समारोह में डॉ. सेंगर को किया गया आमंत्रित।
- राष्ट्रपति ने डॉ. सेंगर को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित और निरंतर लेखन का दिया संदेश।
- विश्व हिंदी सचिवालय ग़ज़ल लेखन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित करेगा विशेष कार्यशाला।
- डॉ. सेंगर को अब तक 60 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं, उन्होंने सात साहित्यिक पुस्तकों का लेखन किया है।

लखनऊ/पोर्ट लुईस (मॉरिशस):लखनऊ की चर्चित साहित्यकार डॉ. अंजना सिंह सेंगर के ग़ज़ल संग्रह ‘यादों की रियास’ का भव्य लोकार्पण मॉरिशस के राष्ट्रपति श्री धरमवीर गोकुल (GCSSK) द्वारा किया गया। यह लोकार्पण विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित एक प्रतिष्ठित साहित्यिक आयोजन के दौरान हुआ।
इस समारोह में भारत सहित कई देशों के नामचीन साहित्यकार, राजनयिक, और हिंदीप्रेमी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंजना सिंह सेंगर को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया, और उनके साहित्यिक योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित कर प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति ने की ग़ज़लों की सराहना, दिया संदेश – “लेखन की धारा को कभी रोकना मत”
मॉरिशस के राष्ट्रपति धरमवीर गोकुल ने अपने संबोधन में कहा कि गीत और ग़ज़ल ही वह माध्यम हैं जिनके जरिए हिंदी भाषा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबके हृदय तक पहुंचती है। उन्होंने कहा, “इनमें मानवीय संवेदनाओं का अनमोल संगम होता है, जो हमें आत्मिक रूप से जोड़ता है।”
डॉ. सेंगर के संग्रह ‘यादों की रियास’ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “आपको कभी रुकना नहीं है, आपको निरंतर इस साहित्यिक यात्रा को आगे बढ़ाना है। हिंदी ग़ज़लें केवल कविता नहीं, संवेदनाओं की जीवंत प्रस्तुति होती हैं।”
ग़ज़ल विधा को बढ़ावा देने की घोषणा, कार्यशाला होगी आयोजित
विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी ने घोषणा की कि डॉ. अंजना के इस संग्रह से प्रेरणा लेकर, संस्था ग़ज़ल लेखन पर केंद्रित एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करेगी। इस कार्यशाला में युवा लेखकों को ग़ज़ल की बुनियादी शैलियों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि “डॉ. अंजना सिंह सेंगर का साहित्य हृदय को छूने वाला और आत्मा को शांति देने वाला है। उनकी ग़ज़लें एक अलग ही भावभूमि का निर्माण करती हैं।”
60 से अधिक सम्मान, सात पुस्तकों की लेखिका हैं डॉ. अंजना सिंह सेंगर
डॉ. अंजना सिंह सेंगर, जिन्होंने केंद्र सरकार की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर पूरी तरह साहित्य को समर्पित किया, अब तक सात पुस्तकों का लेखन कर चुकी हैं। उन्हें देश-विदेश में 60 से अधिक साहित्यिक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
इससे पूर्व, उनके ग़ज़ल संग्रह “अगर तुम मुझसे कह देते” को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिष्ठित ‘फिराक गोरखपुरी सम्मान’ से भी नवाजा गया है।
समारोह में बोलते हुए डॉ. सेंगर ने कहा, “हिंदी ग़ज़ल एक साहित्यिक धारा नहीं, संवेदनाओं का विशाल समुंदर है। यह यात्रा आने वाले समय में और भी गहराई और ऊँचाई दोनों पाएगी।”