
- पद्म भूषण: राम बहादुर राय और साध्वी ऋतम्भरा।
- पद्मश्री: साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, खेल, कला और चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों से 8 महानुभावों को सम्मानित किया जाएगा।
- मरणोपरांत पद्मश्री: स्वर्गीय श्री नारायण (भुलई भाई) को सार्वजनिक कार्यों के लिए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पुरस्कार विजेताओं से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
- पद्म पुरस्कार समाज में एकता, समरसता और उत्कृष्टता के प्रतीक हैं।
लखनऊ, 25 जनवरी, 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित सभी महानुभावों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन विभूतियों ने अपनी असाधारण उपलब्धियों से न केवल अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मानित स्थान दिलाने में भी सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश से चयनित विभूतियों को विशेष रूप से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए कार्यों ने प्रदेश को गर्वित किया है। उन्होंने कहा कि इन विभूतियों की जीवन यात्रा और उपलब्धियां युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी।
उत्तर प्रदेश के पद्म पुरस्कार विजेता
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश से कई महान विभूतियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और कार्यों के लिए पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए पहचाने गए हैं।
पद्म भूषण से सम्मानित विभूतियां:
- राम बहादुर राय (साहित्य एवं शिक्षा – पत्रकारिता):
साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में अनमोल योगदान के लिए सम्मानित। उनकी रचनाएं और विचार समाज को नई दिशा देने वाले हैं। - साध्वी ऋतम्भरा (सामाजिक कार्य):
सामाजिक सेवा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उनका योगदान सराहनीय है। उन्होंने सेवा और समर्पण के माध्यम से हजारों लोगों को प्रेरित किया।
पद्मश्री से सम्मानित विभूतियां:
- हृदय नारायण दीक्षित (साहित्य एवं शिक्षा):
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सेवाएं अद्वितीय हैं। उनकी रचनाएं समाज को नई दृष्टि देती हैं। - गणेश्वर शास्त्री द्रविण (साहित्य एवं शिक्षा):
साहित्य और शिक्षा में उनके योगदान ने समाज को एक नई दिशा दी है। - सैय्यद ऐनुल हसन (साहित्य एवं शिक्षा):
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्य समाज को जागरूक करने में सहायक रहे हैं। - आशुतोष शर्मा (विज्ञान और इंजीनियरिंग):
विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके शोध और नवाचार ने देश की तकनीकी क्षमता को मजबूती प्रदान की है। - सत्यपाल सिंह (खेल):
खेल जगत में उनके योगदान ने देश का नाम रोशन किया है। - श्याम बिहारी अग्रवाल (कला):
कला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियां समाज को प्रेरणा देती हैं। - सोनिया नित्यानंद (चिकित्सा):
चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान ने समाज के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित विभूति:
स्वर्गीय श्री नारायण (भुलई भाई) – सार्वजनिक कार्य (पब्लिक अफेयर्स):
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री नारायण (भुलई भाई) को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनकी सेवाओं को पद्मश्री सम्मान के माध्यम से मान्यता दी गई है, जिससे उनके परिवार और समर्थकों को गर्व महसूस होगा।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन विभूतियों की उपलब्धियां समाज के हर वर्ग को प्रेरणा देंगी। उन्होंने कहा कि ये सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की पहचान है, बल्कि यह देश और समाज में उनके योगदान की सराहना भी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित होने वाले स्वर्गीय नारायण जी जैसे महानुभावों की सेवाओं को हमेशा याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे पुरस्कार न केवल सम्मानित व्यक्तियों के लिए प्रेरणा होते हैं, बल्कि यह समाज को सशक्त बनाने और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। उन्होंने इन विभूतियों की सराहना करते हुए कहा कि इनके कार्यों से देश और प्रदेश दोनों को गौरव प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश और देश की इन विभूतियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इन महान व्यक्तित्वों ने प्रदेश का मान बढ़ाया है और उनकी यह सफलता समाज के लिए प्रेरणादायक है।