
- महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए विशेष साइबर थाना स्थापित।
- 44 संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान, साइबर टीम 24 घंटे अलर्ट पर।
- 1920 हेल्पलाइन नंबर और सरकारी वेबसाइट (gov.in) के उपयोग की सलाह।
- सोशल मीडिया स्कैम्स रोकने के लिए मोबाइल साइबर टीम सक्रिय।
- एआई, डार्क वेब और फर्जी लिंक के दुरुपयोग पर सख्ती।
महाकुम्भनगर/प्रयागराज/लखनऊ, 11 दिसंबर 2024: योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाकुम्भ 2025 की तैयारियों में डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। इस बार महाकुम्भ के आयोजन को पूरी तरह से डिजिटल स्वरूप दिया जा रहा है, जहां साइबर अपराधों को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुम्भ क्षेत्र में विशेष साइबर थाना स्थापित किया गया है। यह थाना न केवल एआई, डार्क वेब और सोशल मीडिया स्कैमर्स पर नज़र रखेगा बल्कि फर्जी वेबसाइट और धोखाधड़ी रोकने में भी कारगर भूमिका निभाएगा।
साइबर सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों की टीम सक्रिय
महाकुम्भ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश के चुनिंदा साइबर विशेषज्ञों को महाकुम्भनगर बुलाया गया है। ये विशेषज्ञ 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहकर श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। अधिकारियों ने फर्जी वेबसाइटों और लिंक को ट्रैक कर उनके खिलाफ कार्यवाही तेज कर दी है।
44 संदिग्ध वेबसाइट रडार पर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजेश द्विवेदी ने बताया कि साइबर टीम ने अब तक 44 संदिग्ध वेबसाइटों की पहचान की है, जो श्रद्धालुओं को ठगने का प्रयास कर रही थीं। इन वेबसाइटों पर लगातार नज़र रखी जा रही है, और उन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया जारी है। एआई, फेसबुक, गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए साइबर टीम पूरी तरह से तैयार है।
श्रद्धालुओं को जागरूकता अभियान
श्रद्धालुओं को फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया स्कैम्स से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। महाकुम्भ मेले से संबंधित जानकारी के लिए 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे केवल सरकारी वेबसाइट (gov.in) का ही उपयोग करें।
मोबाइल साइबर टीम की तैनाती
साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी साइबर टीम के साथ-साथ मोबाइल साइबर टीम भी तैनात की गई है। ये टीमें तुरंत कार्यवाही करते हुए ऑनलाइन धोखाधड़ी से संबंधित मामलों को सुलझा रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पैसे मांगने वालों और फर्जी लिंक के जरिए धोखाधड़ी करने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है।