
- कौशाम्बी प्रेसिडेंसी स्कूल भीटी में कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों ने पेंटिंग के माध्यम से महाकुंभ का चित्रण किया।
- छात्रों ने महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया।
- विद्यालय के चेयरमैन संजय कुमार गुप्ता ने छात्रों की रचनात्मकता की सराहना की और इसे भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताया।
- डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने इस कला-गतिविधि के महत्व पर जोर दिया, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक है।
- शिक्षकों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों को नए दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित करती हैं।
कौशांबी/लखनऊ, 30 दिसम्बर 2024: कौशाम्बी प्रेसिडेंसी स्कूल भीटी में सोमवार को एक विशेष कला-प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों ने पेंटिंग के माध्यम से प्रयागराज के विश्वप्रसिद्ध महाकुंभ का भव्य चित्रण किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में रचनात्मकता का विकास करना और उन्हें भारतीय संस्कृति के महान पर्व महाकुंभ से जोड़ना था। यह आयोजन स्कूल के शिक्षा के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हुए सांस्कृतिक जागरूकता और कला के प्रति रुचि को भी बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम था।
कार्यक्रम में छात्रों ने महाकुंभ के विभिन्न पहलुओं को अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से दर्शाया। उनकी पेंटिंग्स में प्रयागराज के संगम के दृश्य, गंगा आरती की भव्यता, नागा साधुओं की छवियां, श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना, आस्था, और समर्पण के अद्भुत दृश्य प्रमुख रूप से देखे गए। इन चित्रों के माध्यम से छात्रों ने महाकुंभ के धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बाखूबी प्रदर्शित किया। छात्रों ने कला के माध्यम से न केवल अपनी कल्पनाशक्ति को उकेरा, बल्कि महाकुंभ की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पूरी दुनिया तक पहुँचाने का प्रयास किया।
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हर बार विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से छात्रों को अपनी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को समझने और सम्मानित करने का अवसर मिलता है। छात्रों ने पेंटिंग के माध्यम से महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को गहराई से चित्रित किया, जो सभी उपस्थित लोगों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।
इस आयोजन की शुरुआत में विद्यालय के चेयरमैन और निवर्तमान विधायक संजय कुमार गुप्ता ने छात्रों की रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अद्भुत प्रतीक है। यह आयोजन छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। इस तरह की गतिविधियाँ छात्रों को अपनी कला को निखारने और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने में मदद करती हैं।” संजय कुमार गुप्ता ने इस आयोजन को सफल बताते हुए विद्यालय के प्रयासों की भी सराहना की, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यरत रहते हैं।
विद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती सीमा पवार ने इस कला-गतिविधि के महत्व को बताते हुए कहा, “इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल छात्रों के मानसिक और कलात्मक विकास में सहायक होती हैं, बल्कि उन्हें अपने देश की सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित कराती हैं। महाकुंभ के भव्यता और धार्मिक महत्व को चित्रित करते हुए, छात्रों ने कला के माध्यम से अपनी सोच और समझ को प्रस्तुत किया। हमारा विद्यालय सदैव इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत रहेगा।”
कार्यक्रम में छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा किया और बताया कि इस गतिविधि ने उन्हें महाकुंभ के महत्व को और गहराई से समझने का मौका दिया। उन्होंने महसूस किया कि कला के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करना एक बहुत ही प्रभावी तरीका है। छात्रों ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए बेहद प्रेरणादायक था और उन्होंने कला के माध्यम से अपनी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझा और महसूस किया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के शिक्षकों ने भी छात्रों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की रचनात्मक गतिविधियाँ बच्चों को उनके शैक्षणिक जीवन से बाहर जाकर सोचने और नए दृष्टिकोण से अपनी प्रतिभाओं को निखारने का अवसर देती हैं। इसके साथ ही, छात्रों को यह सिखने को मिलता है कि वे अपनी कला के माध्यम से किसी भी सांस्कृतिक या धार्मिक विषय को गहराई से समझ सकते हैं और उसका अभिव्यक्तिकरण कर सकते हैं। शिक्षकों ने छात्रों की रचनात्मकता और कला में गहरी रुचि को लेकर उन्हें बधाई दी और कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ छात्रों के मानसिक विकास के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक समझ को भी मजबूत करती हैं।
विद्यालय ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और आयोजकों को बधाई दी और कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में रचनात्मकता और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव विकसित होता है। भविष्य में भी कौशाम्बी प्रेसिडेंसी स्कूल भीटी इस तरह के सांस्कृतिक और कला आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा, जो छात्रों को उनकी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने और अपने कला कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करेंगे।