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महाकुम्भ-2025 के दौरान मेला क्षेत्र एवं शहर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु ऊर्जा विभाग की व्यापक तैयारी

महाकुम्भ-2025 के दौरान मेला क्षेत्र एवं शहर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु ऊर्जा विभाग की व्यापक तैयारी
  • महाकुम्भ-2025 के दौरान मेला क्षेत्र में 182 किलोमीटर एचटी और 1405 किलोमीटर एलटी लाइन का निर्माण किया जाएगा।
  • विद्युत आपूर्ति के लिए 7 पारेषण उपकेन्द्र और 14 33/11 केवी उपकेन्द्रों का उपयोग किया जाएगा।
  • स्वचलित आरएमयू द्वारा विद्युत व्यावधान पर 30 सेकेंड में सामान्य आपूर्ति की जाएगी।
  • समस्त विद्युत लाइनों की गार्डिंग की गई है और शार्ट सर्किट से आग की घटनाओं को रोकने के लिए कंड्यूक्ट पाइप का उपयोग किया जाएगा।
  • शहर और मेला क्षेत्र में 10 किलोमीटर लंबी शिरोपरि विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा और हाईब्रिड सोलर लाइट्स का प्रयोग किया जाएगा।

लखनऊ, 24 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से प्रारम्भ हो रहे महाकुम्भ-2025 में लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा विभाग ने मेला क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत और बहुआयामी तैयारी की है। यह आयोजन न केवल आस्था और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में आयोजन स्थल पर सभी व्यवस्थाओं को सर्वोत्तम बनाए रखना, विशेष रूप से विद्युत आपूर्ति की स्थिरता, अनिवार्य है।

मेला क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

महाकुम्भ-2025 के दौरान मेला क्षेत्र में कुल 182 किलोमीटर लंबी उच्च तापीय (एचटी) लाइन और 1405 किलोमीटर लंबी निम्न तापीय (एलटी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर विद्युत आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो, इन लाइनों को मजबूती से जोड़ा जाएगा और हर क्षेत्र में विद्युत का प्रवाह सशक्त रूप से बनाए रखा जाएगा।

इसके अलावा, मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोत भी सुनिश्चित किए गए हैं। इस व्यवस्था के तहत 07 पारेषण उपकेन्द्रों और 14 33/11 केवी उपकेन्द्रों से विद्युत आपूर्ति की जाएगी। यह पारेषण उपकेन्द्र किसी भी असामान्य स्थिति में विद्युत आपूर्ति की क्षमता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

महाकुम्भ के दौरान विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की विघ्नता को तुरंत ठीक करने के लिए स्वचलित रिमोट मेंटेनेंस यूनिट (आरएमयू) स्थापित किए गए हैं। इन स्वचलित आरएमयू की सुविधा से, किसी भी विद्युत व्यवधान की स्थिति में केवल 30 सेकंड में आपूर्ति सामान्य कर दी जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

विद्युत सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, ऊर्जा विभाग ने विद्युत सुरक्षा के मामलों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। समस्त एचटी और एलटी लाइनों की गार्डिंग की गई है और एचटी एवं एलटी पोल की उचित तरीके से अर्थिंग की गई है, जिससे कोई भी दुर्घटना की संभावना कम हो।

इसके अलावा, कैम्पों और मेला क्षेत्र में वायरिंग के लिए कंड्यूक्ट पाइप का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे शार्ट सर्किट के कारण किसी भी प्रकार की आग लगने की घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सके। मेला क्षेत्र में विद्युत सुरक्षा संबंधी सावधानियों के बारे में विशेष साइनेज भी लगाए गए हैं और पम्पलेट का वितरण किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक विद्युत सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें।

सोलर लाइट्स का नवीन प्रयोग

महाकुम्भ-2025 में ऊर्जा के उपयोग को प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए ऊर्जा विभाग ने एक नया कदम उठाया है। इस बार महाकुम्भ के आयोजन में हाईब्रिड सोलर स्ट्रीट लाइट्स का प्रयोग किया जा रहा है। इन लाइट्स का उद्देश्य ऊर्जा की खपत में कमी लाना है, जिससे न केवल खर्च में कमी आएगी बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जहां नेटवर्क नहीं पहुंचता है, वहां डीजी सेट से चलने वाली हाई मास्ट लाइट्स का भी प्रयोग किया जाएगा। यह व्यवस्था विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की रुकावट को रोकने में मदद करेगी।

शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति का सुदृढ़ीकरण

महाकुम्भ के आयोजन का प्रभाव केवल मेला क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रयागराज शहर में भी विद्युत आपूर्ति को सुदृढ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। शहरी क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1067.87 लाख रुपये की लागत से 33/11 केवी न्यू बेली उपकेन्द्र का निर्माण किया गया है, जो म्योहॉल और बेली क्षेत्र के लगभग 15,000 नागरिकों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करेगा।

इसके अतिरिक्त, शहर में विद्युत आपूर्ति की स्थिरता बढ़ाने के लिए 33 केवी की लिंक लाइन का निर्माण किया गया है। साथ ही, शहर के अति महत्वपूर्ण स्थानों और मार्गों पर 98 नए 11/0.4 केवी परिवर्तक लगाए गए हैं। इन परिवर्तकों के स्थान पर पहले के अतिभारित परिवर्तकों को हटाया गया और विभिन्न क्षमता वाले 250 केवीए परिवर्तकों की स्थापना की गई है।

महाकुम्भ और अखाड़ों की पेशवाई के रास्ते में आने वाली विद्युत लाइनों और पोलों को बेहतर बनाने के लिए 75 नए परिवर्तक और पोल की पेंटिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त, महाकुम्भ के महत्वपूर्ण मार्गों पर 36 परिवर्तकों को प्लिंथ से हटाकर 75 नग 250 केवीए परिवर्तक स्थापित किए गए हैं।

महत्वपूर्ण कार्यों की पूरी जानकारी

  1. एचटी और एलटी लाइनों का विस्तार: 182 किलोमीटर एचटी और 1405 किलोमीटर एलटी लाइनों का निर्माण किया गया।
  2. रिमोट मेंटेनेंस यूनिट (आरएमयू): 30 सेकेंड में विद्युत आपूर्ति को सामान्य करने के लिए स्वचलित आरएमयू लगाए गए।
  3. सुरक्षा उपाय: शार्ट सर्किट से आग रोकने के लिए कंड्यूक्ट पाइप द्वारा वायरिंग, विद्युत लाइनों की गार्डिंग, और पोल की अर्थिंग।
  4. सोलर लाइट्स का प्रयोग: हाईब्रिड सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना से ऊर्जा की खपत में कमी।
  5. शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति: 33/11 केवी उपकेन्द्र का निर्माण और 98 नए परिवर्तकों की स्थापना से शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की स्थिरता।

महाकुम्भ-2025 के आयोजन के लिए ऊर्जा विभाग की तैयारियां अत्यंत विस्तृत और विविध हैं। इन कार्यों के माध्यम से महाकुम्भ क्षेत्र और प्रयागराज शहर में विद्युत आपूर्ति की निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, जिससे इस पवित्र पर्व के आयोजन में कोई विघ्न न आए और श्रद्धालु और पर्यटक बिना किसी समस्या के अपना अनुभव साझा कर सकें।

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