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महाकुंभ 2025: स्वच्छता का नया कीर्तिमान बना रहा महाकुम्भ

स्वच्छ महाकुंभ 2025: स्वच्छता का नया कीर्तिमान
  • महाकुंभ 2025 को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का वैश्विक उदाहरण बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 के कुंभ के स्वच्छता रिकॉर्ड को 2025 में और ऊंचाई तक ले जाने का निर्देश दिया।
  • मेला क्षेत्र और पूरे शहर को अतिक्रमण मुक्त और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया गया है।
  • स्वच्छताकर्मियों और उनके बच्चों के लिए विशेष सुविधाओं जैसे सैनिटेशन कॉलोनी और प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था की गई है।
  • आधुनिक तकनीक जैसे डिजिटल ट्रैकिंग ऐप, जीआईएस मैपिंग, और ड्रोन का उपयोग सुरक्षा और प्रबंधन में किया जा रहा है।

महाकुंभ नगर, 01 जनवरी 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस बार महाकुंभ को ‘स्वच्छ महाकुंभ’ के रूप में प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा गया है। न केवल मेला क्षेत्र बल्कि पूरे प्रयागराज शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ मेला कर्मचारियों और स्वच्छताकर्मियों की सुविधा पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि 2019 के कुंभ में बनाए गए स्वच्छता के विश्व रिकॉर्ड को 2025 में और ऊंचाई तक पहुंचाना है। मेला क्षेत्र के मार्गों और गलियों से सभी प्रकार की निर्माण सामग्री, मलबा, और अतिक्रमण हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है। सड़कों को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करने और ठेले व रेहड़ी वालों को वेंडिंग जोन में स्थान देने की योजना बनाई गई है। नियमित सफाई और कूड़ा-कचरा निस्तारण के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।

नदियों और घाटों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्नान के दौरान गंदगी रोकने के लिए घाटों पर अतिरिक्त सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। मेला क्षेत्र में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और नियमित रूप से फॉगिंग व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ शौचालय, स्नानागार और साफ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

स्वच्छताकर्मियों के लिए सैनिटेशन कॉलोनियों की स्थापना की गई है, जहां उनके रहने और खाने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उनके बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं, जहां ड्रेस, स्वेटर और मिड-डे मील की व्यवस्था की गई है। मेला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि स्वच्छताकर्मियों को समय पर वेतन का भुगतान हो और उनकी सुरक्षा व स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए।

श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक नियंत्रण और पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है। पैदल यात्रियों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए समर्पित मार्ग बनाए गए हैं। सरकार और मेला प्राधिकरण ने मिलकर महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए डिजिटल ट्रैकिंग ऐप और जीआईएस मैपिंग का उपयोग हो रहा है। सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।

महाकुंभ 2025 को ‘स्वच्छ महाकुंभ’ के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में किए जा रहे ये प्रयास न केवल इसकी ऐतिहासिकता को उज्ज्वल करेंगे, बल्कि विश्व के सामने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का एक नया उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

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