
- 25,000 बेड क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन: तीर्थयात्रियों के लिए किफायती और सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था।
- आधुनिक सुविधाओं से लैस आश्रय स्थल: प्रत्येक आश्रय स्थल में बेड, गद्दे, तकिए, स्वच्छ चादरें, शौचालय, और स्नानघर उपलब्ध।
- किफायती शुल्क: सामान्य और स्नान पर्व के दिनों में नाममात्र शुल्क पर ठहरने की सुविधा।
- कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र: श्रद्धालुओं की गुमशुदगी समस्याओं का त्वरित समाधान।
- महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने का संकल्प: योगी सरकार भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध।

प्रयागराज, 7 दिसंबर 2024: योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इन आश्रय स्थलों में तीर्थयात्रियों को किफायती और सुलभ ठहराव मिलेगा। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की भी शुरुआत की गई, जिससे श्रद्धालुओं को गुमशुदगी जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।
सार्वजनिक आश्रय स्थलों की विशेषताएं और उद्देश्य

महाकुंभ क्षेत्र में बनाए गए इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों का मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों को ठंड के कठोर मौसम में सुरक्षित और आरामदायक ठहराव प्रदान करना है। प्रत्येक आश्रय स्थल आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें 250 बेड, गद्दे, तकिए और स्वच्छ चादरों की व्यवस्था शामिल है। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर बनाए गए हैं। 24×7 सुरक्षा और स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। तीर्थयात्री इन सुविधाओं का लाभ नाममात्र शुल्क पर ले सकते हैं, जो उनकी यात्रा को सुलभ और किफायती बनाता है।
शुल्क की सरल और पारदर्शी व्यवस्था

सार्वजनिक आश्रय स्थलों के लिए शुल्क बेहद किफायती रखा गया है। सामान्य दिनों में, पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा। मुख्य स्नान पर्व के दौरान यह शुल्क बढ़कर पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये हो जाएगा। भुगतान नकद और डिजिटल दोनों माध्यमों से किया जा सकता है।
कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की शुरुआत

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन भी किया। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जो गुमशुदगी की शिकायतों को तुरंत हल करने में सक्षम होगा। यह पहल श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और संगठित अनुभव प्रदान करेगी।
महाकुंभ 2025: योगी सरकार का संकल्प

महाकुंभ 2025 को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के अद्वितीय आयोजन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए योगी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का एक अवसर है। इस पहल से न केवल तीर्थयात्रियों की सुविधा सुनिश्चित होगी, बल्कि महाकुंभ का आयोजन यादगार भी बनेगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी,’ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।