
- सोमवार को ओपीडी में इलाज प्रदान किया गया, 35 मरीज भर्ती हुए।
- पारस, वात्सल्य, अमृता और श्री मधुसूदन संस्थान सहित कई संस्थान सेवाएं दे रहे हैं।
- सेक्टर-1 और सेक्टर-11 में 20-20 बेड के अस्पताल संचालित।
- 100 बेड के अस्पताल में ऑपरेशन और जांच की सुविधा।
- डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।
लखनऊ, 31 दिसंबर 2024: महाकुंभ 2025 में देशभर के मेडिकल संस्थानों का संगम देखने को मिल रहा है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का तुरंत समाधान मिल सके, इसके लिए व्यापक स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पहल पर विभिन्न मेडिकल संस्थान महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक नेटवर्क
महाकुंभ में सेक्टरवार अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। इनमें ओपीडी, भर्ती, और विशेषज्ञ चिकित्सा जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सोमवार को ओपीडी में 848 मरीजों को देखा गया, जिनमें से 35 मरीजों को भर्ती किया गया। भर्ती मरीजों का उच्च स्तरीय इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है।
मेडिकल संस्थानों का योगदान
कई प्रतिष्ठित संस्थान महाकुंभ में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं:
- पारस हॉस्पिटल (कानपुर) और वात्सल्य हॉस्पिटल (प्रयागराज): सेक्टर-18 में 10 बेड का अस्पताल संचालित कर रहे हैं।
- यूनाइटेड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज: सेक्टर-8 में 10 बेड का अस्पताल संचालित कर रहा है।
- अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (हरियाणा) और श्री मधुसूदन साईं इंस्टीट्यूट (कर्नाटक): स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहे हैं।
संक्रामक रोग अस्पताल की विशेष व्यवस्था
महाकुंभ में संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए दो विशेष अस्पताल बनाए गए हैं:
- सेक्टर-1 और सेक्टर-11 में 20-20 बेड का संक्रामक रोग अस्पताल।
- उल्टी, दस्त, और ठंड से पीड़ित मरीजों का तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
सेंट्रल और सब-सेंट्रल अस्पतालों की भूमिका
- 100 बेड का सेंट्रल हॉस्पिटल (सेक्टर-2): यहां पैथोलॉजी जांच से लेकर ऑपरेशन तक की सुविधाएं मौजूद हैं।
- दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल (25-25 बेड): कुंभ क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर संचालित किए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का संदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस पहल से रोगियों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु बिना किसी बाधा के आध्यात्मिक अनुभव ले सकें।”