
- मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को महाकुंभ-2025 में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया।
- महाकुंभ-2025 को विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक बताया गया।
- आयोजन में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करेंगे।
- चिराग पासवान ने आयोजन की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की और आमंत्रण को स्वीकार किया।
- महाकुंभ-2025 भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अद्वितीय प्रतीक होने की बात कही।
10 जनवरी 2025, लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने दिल्ली में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्री चिराग पासवान से भेंट की और उन्हें आगामी महाकुंभ-2025 में सम्मिलित होने के लिए औपचारिक आमंत्रण दिया। यह मुलाकात न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय और सहयोग को भी दर्शाती है, ताकि महाकुंभ के आयोजन को और अधिक भव्य और सफल बनाया जा सके।
महाकुंभ-2025 की महत्वता और उद्देश्य:
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने महाकुंभ-2025 के आयोजन के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह विश्व के सबसे बड़े और सबसे भव्य सांस्कृतिक आयोजनों में से एक होगा। प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ-2025 लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा। यह एक ऐसा मंच होगा जहां विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और आस्थाओं को एक साथ देखा जा सकेगा।
महाकुंभ में विभिन्न राज्यों और देशों के लोग एकत्रित होंगे, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के विभिन्न पहलुओं को देखेंगे और महसूस करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन, संस्कृति, और समाज के विभिन्न पहलुओं को भी प्रदर्शित करेगा। श्री चौधरी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का सहयोग इस आयोजन को और भी भव्य बनाने में सहायक होगा।
चिराग पासवान की प्रतिक्रिया और स्वागत:
इस बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महाकुंभ-2025 के आयोजन की तैयारियों और व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी ली। उन्होंने आयोजन को लेकर राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और इस महासंस्कारिक आयोजन में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रण स्वीकार किया।
चिराग पासवान ने कहा, “महाकुंभ-2025 भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अद्वितीय प्रतीक है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया भर में प्रस्तुत करने का अवसर है। मैं इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हूं और इसके सफल आयोजन के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूरी सहायता प्रदान की जाएगी।”
आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग:
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगी। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह पर्यटन, व्यापार, और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का एक प्रमुख अवसर भी है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मार्गदर्शन से इस आयोजन में और भी सकारात्मक बदलाव और सहयोग मिलेगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच मजबूत समन्वय से महाकुंभ-2025 को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया जाएगा।
आखिरकार, महाकुंभ-2025 का आयोजन न केवल भारतीय धर्म और संस्कृति का एक महाकाव्य प्रतिनिधित्व होगा, बल्कि यह हमारे देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को भी प्रदर्शित करेगा। इस आयोजन में भाग लेने से न केवल भारत के नागरिकों को बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों को भी भारतीय संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिलेगा।
इस प्रकार, यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के परिपेक्ष्य में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसके द्वारा देश के सांस्कृतिक विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा।