
- महाकुंभ 2025 में त्रिवेणी संगम पर लेजर शो का आयोजन, जिसमें गंगा, यमुना और सरस्वती की पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया।
- गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा के आयोजन के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा, जिससे 4000 हेक्टेयर के मेला क्षेत्र में पुष्प वर्षा होगी।
- 20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियां स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं पर वर्षा के लिए तैयार की जा रही हैं।
- महाकुंभ में आयोजित लेजर शो और गुलाब की पुष्प वर्षा का उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है।
- महाकुंभ 2025 के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रयागराज, 12 जनवरी 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अद्वितीय और भव्य अनुभव देने के लिए कई रोचक और अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख आकर्षण त्रिवेणी संगम पर आयोजित किया गया भव्य लेजर शो है। इस शो में गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों के पौराणिक महत्व के साथ महाकुंभ की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को दर्शाया गया। प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम पर इस कार्यक्रम का आयोजन बोट क्लब के समीप किया गया, जहां हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने इस लेजर शो का आनंद लिया।
लेजर शो: महाकुंभ के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का अद्वितीय प्रदर्शन

महाकुंभ का आयोजन केवल एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को भी प्रदर्शित करने का एक अवसर है। इस वर्ष महाकुंभ 2025 में आयोजित लेजर शो में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों की पौराणिक कथाओं को अत्याधुनिक लेजर और साउंड तकनीक के जरिए प्रदर्शित किया गया। शो में इन नदियों के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को जीवंत रूप से दर्शाया गया। श्रद्धालुओं को यह दिखाया गया कि कैसे इन नदियों ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विकास में अहम भूमिका निभाई है। इस शो में महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों और उस दौरान किए गए अनुष्ठानों को भी दर्शाया गया।
इस अद्भुत लेजर शो का आयोजन त्रिवेणी संगम के पास स्थित बोट क्लब पर किया गया, जिसे महाकुंभ के श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ देखा। संगम स्थल पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, जो इस अनूठे धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव का हिस्सा बने। यह आयोजन महाकुंभ 2025 के सांस्कृतिक आकर्षण को और भी बढ़ाने का काम कर रहा है।
गुलाब की पुष्प वर्षा: दिव्य अनुभव
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए एक और विशिष्ट आयोजन किया जा रहा है – गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा। यह आयोजन महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान किया जाएगा। हेलीकॉप्टर के माध्यम से 4000 हेक्टेयर के मेला क्षेत्र में गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की जाएगी, जो श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव प्रदान करेगी। खासकर मुख्य स्नान पर्वों जैसे मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के दौरान यह पुष्प वर्षा की जाएगी।
20 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियां इस विशेष आयोजन के लिए तैयार की जा रही हैं, जो महाकुंभ के दौरान गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर वर्षा की जाएगी। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक अनुभव होगा, जिसमें वे गंगा स्नान करने के बाद गुलाब की पंखुड़ियों से अलंकृत होंगे। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव देना है।
कुंभ मेला का भव्य आयोजन: धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महाकुंभ केवल एक मेला नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है। महाकुंभ के दौरान होने वाले इन आयोजनों से न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाया जाता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखा जाता है। वीके सिंह, कुंभ मेला के उद्यान प्रभारी, ने पुष्प वर्षा की योजना की जानकारी दी और कहा कि यह आयोजन महाकुंभ में एक नया रंग और रोशनी जोड़ने का काम करेगा।
लेजर शो और पुष्प वर्षा जैसे आयोजनों से महाकुंभ के दृश्य और अनुभव में न केवल वृद्धि होगी, बल्कि यह उन श्रद्धालुओं के लिए भी खास बन जाएगा जो इस समय को जीवनभर याद रखना चाहेंगे। इन आयोजनों के माध्यम से महाकुंभ की धार्मिकता और सांस्कृतिक महत्ता को वैश्विक स्तर पर फैलाया जाएगा।
कुंभ मेला में हो रहे अन्य विशेष आयोजन
महाकुंभ में इस बार कई और विशेष आयोजन किए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अद्वितीय अनुभव होंगे। विशेष रूप से संगम क्षेत्र में आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान, अखाड़ा साधुओं की भव्य परेड, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल को और भी रंगीन बनाएंगी। इन आयोजनों के दौरान श्रद्धालु भारतीय धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए अपना आध्यात्मिक उन्नति करेंगे।
महाकुंभ 2025 में आयोजित होने वाले इन विशेष आयोजनों से न केवल श्रद्धालुओं का अनुभव बढ़ेगा, बल्कि महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा।