
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के सेक्टर-7 में स्थित कलाग्राम का दौरा किया।
- एनसीजेडसीसी के आंगन में शिल्पकारों की कृतियों का अवलोकन और उनसे संवाद किया।
- पद्मश्री विदुषी सुमित्रा गुहा ने सांस्कृतिक मंच पर गणेश वंदना और शिव भजन प्रस्तुत किए।
- विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने लोकनृत्यों के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया।
- नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने “समुद्र मंथन” नाटक का उत्कृष्ट मंचन किया।

महाकुंभ नगर, 19 जनवरी 2025: महाकुंभ 2025 के सेक्टर-7 में स्थित संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित भव्य कलाग्राम का आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) के आंगन में प्रदर्शित शिल्पकारों की कृतियों का अवलोकन किया और उनसे संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कलाग्राम की भव्यता और सांस्कृतिक विविधता की सराहना करते हुए संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस उत्कृष्ट आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
कलाग्राम में मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत एनसीजेडसीसी के प्रभारी निदेशक आशीष गिरी, सहायक निदेशक सुरेंद्र कश्यप, और कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, और मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत भी उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अद्भुत छटा
कलाग्राम के सांस्कृतिक मंच पर सातवें दिन कलाकारों ने विविध प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत पद्मश्री विदुषी सुमित्रा गुहा ने गणेश वंदना “जय गणेश गणनायक दयानिधि दयालु” से की। इसके बाद शिव भजन “हर-हर शम्भू शिव महादेवा” और “पवनमंद सुगंध शीतल अवधपुरी अति सुंदरम्” ने पूरे पंडाल को भक्तिमय बना दिया।
विभिन्न राज्यों के लोकनृत्यों का प्रदर्शन
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के कलाकारों ने लोकनृत्यों के माध्यम से अपने राज्यों की सांस्कृतिक महक को मंच पर प्रस्तुत किया। इन लोकनृत्यों ने महाकुंभ में सांस्कृतिक विविधता को और भी अधिक समृद्ध किया।
नाटक ‘समुद्र मंथन’ का उत्कृष्ट मंचन
कार्यक्रम के तीसरे पहर में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली के कलाकारों ने चित्तरंजन त्रिपाठी के निर्देशन में आसिफ अली द्वारा लिखित नाटक “समुद्र मंथन” का मंचन किया। देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को जीवंत करती इस प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।