
- अनामिका शर्मा ने 13,000 फीट की ऊंचाई से कूदकर महाकुंभ का आधिकारिक झंडा लहराया।
- अनामिका शर्मा बनीं दुनिया की सबसे कम उम्र की सी-लाइसेंस प्राप्त महिला स्काई ड्राइवर।
- बैंकॉक में किया गया साहसिक प्रयास, महाकुंभ के प्रतीक के रूप में ऐतिहासिक।
- अनामिका की उपलब्धि ने महाकुंभ के महत्व और भारतीय महिलाओं के साहस को उजागर किया।
- यह कीर्तिमान युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, विशेषकर महिलाओं के लिए।
प्रयागराज, 8 जनवरी 2025 – भारत के सबसे विशाल धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 की ओर बढ़ते कदमों के साथ, एक और ऐतिहासिक घटना सामने आई। प्रयागराज की बेटी, अनामिका शर्मा ने 13,000 फीट की ऊंचाई से स्काई डाइविंग करते हुए महाकुंभ का आधिकारिक झंडा लहराया। यह साहसिक कदम न केवल महाकुंभ के महत्व को दुनिया तक पहुँचाने का प्रयास था, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक बना। इस प्रयास से अनामिका ने महाकुंभ 2025 में भाग लेने का निमंत्रण दुनिया भर में भेजा है।
अनामिका शर्मा, जो 24 वर्ष की हैं, अमेरिका के यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट संगठन (USPA) से C लाइसेंस प्राप्त भारतीय महिला स्काई ड्राइविंग प्रशिक्षक हैं, ने अपनी पहली छलांग 13 साल की उम्र में 13,000 फीट से लगाई थी। उनके इस साहसिक प्रयास से भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश गर्वित हैं। अनामिका ने कहा कि महाकुंभ 2025 एक शास्त्रार्थ परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है, जहां ऋषि-मुनियों, तपस्वियों और धर्माचार्यों का संगम होता है। यह आयोजन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का प्रतीक है, जो दुनिया भर के लोगों को एकता और शांति का संदेश देता है।
महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में अनामिका शर्मा ने घोषणा की है कि वे 8 मार्च को महिला दिवस से पहले गंगा-जमुना-सरस्वती के संगम पर स्काई डाइविंग करते हुए पानी पर लैंडिंग करने का प्रदर्शन करेंगी। यह प्रदर्शन उनकी अद्वितीय क्षमता को दर्शाएगा, जो न केवल स्काई डाइविंग की एक नई ऊँचाई को छूने के बराबर है, बल्कि यह भारतीय महिलाओं के साहस और शक्ति को भी उजागर करेगा। अनामिका का यह प्रयास महाकुंभ 2025 के आयोजन को और अधिक प्रतिष्ठित बनाता है।
महाकुंभ 2025 से जुड़ी इस अनूठी उपलब्धि ने न केवल भारतीय खेल जगत को प्रेरित किया है, बल्कि यह पूरे देश को यह संदेश देता है कि महिलाओं की शक्ति और साहस किसी से कम नहीं है। अनामिका शर्मा का यह साहसिक कदम युवा पीढ़ी को नई ऊंचाईयों के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें यह एहसास दिलाएगा कि कुछ भी असंभव नहीं है।