HomeMahakumbh- 2025महाकुंभ-2025: प्रयागराज में जियो ट्यूब तकनीक से होंगे सभी अनटैप्ड नाले ट्रीट

महाकुंभ-2025: प्रयागराज में जियो ट्यूब तकनीक से होंगे सभी अनटैप्ड नाले ट्रीट

महाकुंभ-2025: प्रयागराज में जियो ट्यूब तकनीक से होंगे सभी अनटैप्ड नाले ट्रीट
  • गंगा की स्वच्छता: प्रयागराज के सभी 22 अनटैप्ड नालों को जियो ट्यूब तकनीक से ट्रीट किया जाएगा, ताकि गंगा में किसी भी अनट्रीटेड पानी का प्रवाह न हो।
  • उन्नत तकनीक: 55 करोड़ रुपये की लागत से सलोरी में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट आधुनिक जियो ट्यूब तकनीक पर आधारित है।
  • पर्यावरण संरक्षण: ओजोनाइजेशन प्रक्रिया से जलीय जीवन को बिना नुकसान पहुंचाए फीकल बैक्टीरिया को पूरी तरह खत्म किया जाता है।
  • सीएम योगी का निरीक्षण: मुख्यमंत्री ने ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर महाकुंभ के दौरान सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए।
  • 24×7 मॉनिटरिंग: ट्रीटमेंट प्लांट में ओसीईएमएस तकनीक से चौबीसों घंटे पानी की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है।

महाकुंभ नगर/प्रयागराज, 16 दिसम्बर 2024: महाकुंभ-2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होने जा रहा है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय समागम माना जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से इसे दिव्य-भव्य, स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस बार गंगा नदी में किसी भी अनट्रीटेड नाले का पानी नहीं जाने देने के लिए अत्याधुनिक जियो ट्यूब तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यूपी जल निगम, नगरीय ने प्रयागराज के सलोरी में 55 करोड़ रुपये की लागत से जियो ट्यूब आधारित ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है, जो शहर के सभी 22 अनटैप्ड नालों के अपशिष्ट जल को ट्रीट करेगा।

सलोरी में 55 करोड़ रुपये की लागत से बना ट्रीटमेंट प्लांट

महाकुंभ में हर साल करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के लिए आते हैं। 2019 से पहले, माघ और कुंभ मेलों के दौरान श्रद्धालुओं को दूषित जल में स्नान करना पड़ता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशानुसार, इस बार किसी भी नाले का अनट्रीटेड पानी गंगा में नहीं जाने दिया जाएगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार के अनुसार, सलोरी में बनाया गया यह अत्याधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट 55 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। इसका ट्रायल रन जारी है और 1 जनवरी से यह पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर देगा।

जियो ट्यूब तकनीक: सीवेज ट्रीटमेंट की आधुनिक प्रणाली

जियो ट्यूब तकनीक सीवेज ट्रीटमेंट की एक आधुनिक प्रणाली है, जो जलीय जीवन को सुरक्षित रखते हुए अपशिष्ट जल को ट्रीट करती है। अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि जियो ट्यूब में सीवेज वाटर का 40-50% बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) और लगभग 80% टोटल सस्पेंडेड सॉलिड्स (TSS) ट्रीट किया जाता है। इसके बाद इस पानी को हाइड्रोजन पेरॉक्साइड से शोधित कर ओजोनाइजेशन किया जाता है।

ओजोनाइजेशन की प्रक्रिया क्लोरीनाइजेशन की तुलना में अधिक सुरक्षित है, क्योंकि यह ट्रीटेड पानी में क्लोरीन की उच्च मात्रा से बचाती है, जो जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकती है। ओजोनाइजेशन फीकल बैक्टीरिया को पूरी तरह खत्म कर देता है, जिसके बाद यह पानी नदी में छोड़ा जा सकता है।

24×7 ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा

इस ट्रीटमेंट प्लांट में पानी की गुणवत्ता की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए ओसीईएमएस (OCEMS) तकनीक का उपयोग किया गया है। 12 दिसंबर को प्रयागराज दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्लांट का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि महाकुंभ के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न हो।

महाकुंभ-2025: स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा की नई मिसाल

महाकुंभ-2025 में प्रयागराज की पवित्र नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए उठाए गए इन कदमों से न केवल श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल उपलब्ध होगा, बल्कि यह जलवायु संरक्षण का भी एक अनूठा उदाहरण बनेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments