
- महाकुंभ-2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की व्यवस्था के लिए 6,000 बेड की व्यवस्था।
- 125 एंबुलेंसों की तैनाती, 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी के साथ।
- महाकुंभ में चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती, विशेष प्रशिक्षण से लैस।
- मेला स्थल पर 3 लाख से अधिक जरूरतमंदों को नि:शुल्क चश्मे देने के लिए नेत्र कुंभ का आयोजन।
- डिजास्टर कंट्रोल रूम और रिवर एंबुलेंस सहित सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर विशेष तैयारियां।

लखनऊ, 10 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महाकुंभ-2025 के लिए स्वास्थ्य विभाग की व्यापक तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों और प्रयागराज के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में महाकुंभ के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तृत इंतजामों की समीक्षा की।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि महाकुंभ में इस बार लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, इसलिए इस विशाल संख्या के स्वास्थ्य संबंधी इंतजामों को बेहतर तरीके से लागू करना विभाग की सर्वोत्तम प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों को पूरी तरह से तैयार रहना होगा।
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं:
महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए 6,000 बेड की व्यवस्था की गई है। इनमें से 360 बेड मेला स्थल पर होंगे, जबकि 25-25 बेड के दो अस्पताल अरैल और झूसी में और 20-20 बेड के दो अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। इसके अतिरिक्त 10-10 बेड के अस्पताल भी स्थापित किए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर, मेला स्थल के बाहर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 3,000 और 3,000 बेड की व्यवस्था की जाएगी।
नई सेवाएं:
स्वास्थ्य विभाग ने महाकुंभ में टेली आईसीयू सेवा का भी प्रबंध किया है, ताकि दूरदराज से आने वाले मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही, 125 एंबुलेंसों की तैनाती की जाएगी, जिनकी 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, मेला परिसर के सभी सेक्टरों में चिकित्सकीय हेल्प डेस्क भी स्थापित की जाएगी।
चिकित्सा स्टाफ और सुविधाएं:
महाकुंभ में 24 घंटे चिकित्सक तैनात रहेंगे। इसके लिए 291 एमबीबीएस डॉक्टर, 90 आयुर्वेदिक और यूनानी डॉक्टर और 182 स्टाफ नर्स की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, महिला, पुरुष और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्ड तैयार किए जाएंगे। नेत्र कुंभ का आयोजन भी होगा, जिसमें 3 लाख से अधिक लोगों को नि:शुल्क चश्मे प्रदान किए जाएंगे।
सुरक्षा इंतजाम:
स्वास्थ्य विभाग की सुरक्षा व्यवस्थाओं में भी कोई कमी नहीं रखी गई है। इस बार 7 रिवर एंबुलेंस और 1 एयर एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, डिजास्टर कंट्रोल रूम की स्थापना भी की जाएगी, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्यवाही कर सके। 15 दिसंबर से मॉक ड्रिल (मॉल ड्रिल) कराई जाएगी ताकि चिकित्सा और सुरक्षा विभाग की आपातकालीन प्रतिक्रिया को परखा जा सके।
चिकित्सकों और स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण:
महाकुंभ के लिए चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए विशेष ट्रेनिंग का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण में सीबीआरएनई (केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लीयर, एक्सप्लोसिव) से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत, चिकित्सकों की एक टीम को नरौरा स्थित एटॉमिक पावर स्टेशन पर इन खतरनाक तत्वों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुजुर्गों के लिए भी विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इसके अलावा, हर प्रकार की दवाइयां 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।