
- उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा को महाकुंभ 2025 में आने का औपचारिक निमंत्रण सौंपा।
- महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होगा, जिसमें 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।
- आयोजन में डिजिटल मैपिंग, स्मार्ट पार्किंग, स्वास्थ्य शिविर, और स्वच्छता प्रबंधन जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध और जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
- उपराज्यपाल ने निमंत्रण स्वीकार कर महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की समृद्धता का प्रतीक बताया।

लखनऊ : 13 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से शिष्टाचार भेंट कर प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण सौंपा। यह भेंट लखनऊ में सम्पन्न हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की इस ऐतिहासिक पहल की जानकारी साझा की गई।
अनिल कुमार ने उपराज्यपाल को अवगत कराया कि यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। महाकुंभ न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पटल पर एक नई पहचान प्रदान करेगा। यह आयोजन मानवता के उच्चतम आदर्शों, आध्यात्मिकता, और सांस्कृतिक एकता को स्थापित करने का प्रयास है। आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं, संतों, पर्यटकों और विभिन्न समुदायों के लोगों के भाग लेने की संभावना है।
अनिल कुमार ने बताया कि महाकुंभ 2025 की तैयारियां अत्याधुनिक प्रबंधन और सतत विकास की अवधारणा पर आधारित होंगी। डिजिटल मैपिंग से कुंभ क्षेत्र को जोड़ा जाएगा ताकि तीर्थयात्रियों को मार्गदर्शन में सुविधा हो। 101 स्मार्ट पार्किंग स्थलों, 182 विशेष स्वास्थ्य शिविरों और 400 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर साफ-सफाई सुनिश्चित की जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आधुनिक निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी और जागरूकता अभियान के माध्यम से इस आयोजन को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा। स्मार्ट टॉयलेट, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था और 24 घंटे उपलब्ध स्वच्छता सेवाओं को भी सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा, डिजिटल महाकुंभ के तहत आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों को एक नया अनुभव मिलेगा।
दानिश आज़ाद अंसारी ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन विभिन्न धर्मों, पंथों और जातियों के लोगों को भारतीय समाज की बहुलतावादी संस्कृति का अनुभव देगा।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने इस पावन निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया और उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति की व्यापकता और समाज की एकता को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने का अद्वितीय अवसर है।
इस अवसर पर अनिल कुमार ने उपराज्यपाल से इस ऐतिहासिक आयोजन में अपनी उपस्थिति से इसकी गरिमा बढ़ाने का आग्रह किया। यह आयोजन न केवल भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा को उजागर करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसे नई पहचान भी प्रदान करेगा।