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भारत की पहली AI City और एरोसिटी से लखनऊ बनेगा देश का टेक्नोलॉजी हब – सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पेश किया डिजिटल उत्तर प्रदेश के भविष्य का खाका, सीएम योगी से की इस महत्वपूर्ण आयोग की मांग

भारत की पहली AI City और एरोसिटी से लखनऊ बनेगा देश का टेक्नोलॉजी हब – सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पेश किया डिजिटल उत्तर प्रदेश के भविष्य का खाका
  • लखनऊ में भारत की पहली AI City 70 एकड़ में विकसित हो रही है।
  • IBM, Deloitte, HCLTech जैसी वैश्विक कंपनियां लखनऊ में काम कर रही हैं।
  • Dassault Systèmes ने AKTU में ₹240 करोड़ का Center of Excellence स्थापित किया है।
  • बेंगलुरु में काम कर रहे 35% टेक प्रोफेशनल्स यूपी से आते हैं और लौट रहे हैं।
  • सरोजनीनगर में एरोसिटी, AI City, ब्रह्मोस यूनिट समेत कई राष्ट्रीय परियोजनाएं चल रही हैं।

लखनऊ, 20 जून 2025 | True News Up : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब सिर्फ नवाबों और तहज़ीब की पहचान नहीं, बल्कि तकनीकी क्रांति का केंद्र बनने जा रही है। सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से लखनऊ को देश की पहली AI City (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी) के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा पर गहरा प्रकाश डाला। उन्होंने इसे ‘परंपरा से टेक्नोलॉजी की ओर यात्रा’ करार देते हुए योगी सरकार की दूरदर्शी सोच को डिजिटल युग की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।

क्या है AI City और क्यों है यह खास?

डॉ. राजेश्वर सिंह के मुताबिक, लखनऊ में विकसित हो रही यह AI City करीब 70 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, ऑगमेंटेड रियलिटी, ब्लॉकचेन और उभरती टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप्स, रिसर्च लैब्स और वैश्विक टेक कंपनियां एकसाथ संचालित होंगी। यह न केवल लखनऊ, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए डिजिटल नवाचार और तकनीकी अनुसंधान का मुख्य केंद्र बनेगी।

उन्होंने कहा, “यह परियोजना एक ऐसी कल्पना है जो अब वास्तविकता बन चुकी है। हम उस भविष्य की नींव रख रहे हैं जिसमें उत्तर प्रदेश भारत की तकनीकी राजधानी के रूप में उभरेगा।”

दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों का लखनऊ में आगमन

डॉ. सिंह ने बताया कि पिछले छह महीनों में लखनऊ में विश्व स्तरीय कंपनियों की सक्रियता बढ़ी है। इनमें शामिल हैं:

  • IBM
  • Deloitte
  • Sify Technologies
  • Genpact
  • inMobi
  • Teleperformance

जबकि पहले से HCLTech और TCS जैसी कंपनियां लखनऊ में ऑपरेट कर रही हैं। जल्द ही KPMG और Accenture जैसी वैश्विक कंपनियां भी अपने संचालन की शुरुआत करेंगी।

Dassault Systèmes द्वारा ₹240 करोड़ की निवेश योजना

फ्रांस की टेक कंपनी Dassault Systèmes ने लखनऊ के AKTU परिसर में ₹240 करोड़ की लागत से Center of Excellence की नींव रखी है। वहीं अमेरिका की UsefulBI कंपनी ने लखनऊ को अपनी वैश्विक रणनीति में शामिल करते हुए दूसरा ऑफिस यहीं खोलने की घोषणा की है।

बेंगलुरु से लखनऊ लौट रहे हैं यूपी के युवा टेक टैलेंट्स

NASSCOM–Deloitte (2023) की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में कार्यरत टेक प्रोफेशनल्स में से लगभग 35% उत्तर प्रदेश से हैं। अब इनमें से बड़ी संख्या में लोग लखनऊ लौटकर यहीं करियर बनाने की संभावना तलाश रहे हैं। AI City जैसी परियोजनाएं उनके लिए उपयुक्त अवसर दे रही हैं, जिसमें सरकारी समर्थन, वैश्विक एक्सपोज़र और मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं।

सरोजनीनगर में तकनीकी और राष्ट्रीय महत्व की योजनाएं

डॉ. सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर विधानसभा अब राष्ट्रीय स्तर की कई परियोजनाओं का केंद्र बन चुकी है, जिनमें शामिल हैं:

  • भारत की सबसे बड़ी एरोसिटी (1500 एकड़)
  • AI City – पहली डिजिटल स्मार्ट सिटी
  • English & Foreign Languages University
  • State Institute of Forensic Sciences
  • लखनऊ विश्वविद्यालय – कृषि संकाय
  • ITI नीवा एवं NCDC प्रशिक्षण केंद्र
  • नेवल शौर्य म्यूजियम
  • ब्रह्मोस निर्माण इकाई
  • DRDO प्रयोगशालाएं
  • UP Defence Industrial Corridor से सीधा जुड़ाव

इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल क्षेत्रीय विकास है, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शोध और डिजिटल सशक्तिकरण को गति देना भी है।

AI आयोग की मांग

डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर ‘उत्तर प्रदेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आयोग’ के गठन की मांग की है। यह आयोग AI आधारित तकनीकी मानकों, डेटा संरक्षण, नवाचार, अनुसंधान, सुरक्षा और कौशल विकास के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोग भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था का मार्गदर्शक होगा।

डॉ. राजेश्वर सिंह का दृष्टिकोण

डॉ. सिंह ने अपने विस्तृत बयान में कहा: “यह परिवर्तन केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं है, यह डिजिटल पुनर्जागरण है। सरोजनीनगर अब डिजिटल भारत की तकनीकी धड़कन है। डिजिटल युग उन्हीं का है जो भविष्य की योजना आज ही बनाते हैं।”

डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल और योगी सरकार की विजनरी नीतियां मिलकर लखनऊ को एक ऐसे टेक्नोलॉजी हब में बदलने की दिशा में कार्य कर रही हैं, जो आने वाले वर्षों में देश के डिजिटल परिदृश्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी। AI City और एरोसिटी जैसी परियोजनाएं लखनऊ और उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार, शोध और नवाचार के नए द्वार खोलेंगी।

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