
- विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस द्वारा ईरान के समर्थन को आतंकवाद के पक्ष में खड़ा होना बताया।
- उन्होंने कांग्रेस के रुख को “राष्ट्रविरोधी और मानवता विरोधी” करार देते हुए तीखी आलोचना की।
- डॉ. सिंह ने ईरान की भारत-विरोधी गतिविधियों और बयानबाज़ियों को सार्वजनिक रूप से उजागर किया।
- उन्होंने इज़राइल की आत्मरक्षा को वैश्विक परमाणु संकट से मानवता को बचाने का प्रयास बताया।
- सभी राष्ट्रवादी दलों और नागरिकों से कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति को खारिज करने की अपील की।
लखनऊ, 22 जून 2025 | True News Up ब्यूरो: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। सरोजिनी नगर से भाजपा विधायक एवं पूर्व ईडी अधिकारी डॉ. राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस के ईरान समर्थक बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रविरोधी रुख करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत और कठोर वक्तव्य जारी कर कांग्रेस को “मौत के सौदागरों का समर्थक” बताया और कहा कि जब दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रही है, कांग्रेस आतंक के प्रायोजकों के साथ खड़ी दिख रही है।
“कांग्रेस ईरान के साथ, भारत के खिलाफ?”
डॉ. सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा: “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि कांग्रेस पार्टी ईरान जैसे आतंकी समर्थक और परमाणु हथियार चाहने वाले राष्ट्र का बचाव कर रही है, जबकि इज़राइल जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र को निशाना बना रही है — जो अपने नागरिकों और राष्ट्र की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विदेश नीति का मामला नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और नैतिक मूल्यों से जुड़ा विषय है। कांग्रेस का ईरान जैसे देश को ‘पुराना मित्र’ बताना सिर्फ एक राजनीतिक मजबूरी नहीं, एक खतरनाक संकेत है।
ईरान का भारत विरोधी इतिहास उजागर
डॉ. राजेश्वर सिंह ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस को याद दिलाया कि:
- ईरान ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपमानित किया है।
- दिल्ली दंगों और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान ईरान ने भारत पर “मुसलमानों का नरसंहार” रोकने की भाषा बोली थी।
- भारत के आंतरिक मामलों में दखल देकर ईरान ने पाकिस्तान और कट्टरपंथी शक्तियों जैसी भाषा का प्रयोग किया था।
“क्या ऐसा देश भारत का मित्र हो सकता है?” उन्होंने सवाल उठाया।
तेहरान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ विश्व एकजुट – लेकिन कांग्रेस अलग राह पर
डॉ. सिंह ने आगे कहा: “जब अमेरिका, यूरोप और इज़राइल जैसे देश तेहरान द्वारा प्रायोजित आतंक नेटवर्क के खिलाफ कठोर कदम उठा रहे हैं — कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है। यह राष्ट्रहित नहीं, मतलबी तुष्टीकरण की राजनीति है।”
उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार संपन्न वैश्विक संकट बताते हुए कहा कि आज अगर इज़राइल अपनी रक्षा कर रहा है, तो वह सिर्फ खुद के लिए नहीं, पूरी दुनिया को परमाणु ब्लैकमेल से बचाने का प्रयास कर रहा है।
राष्ट्रव्यापी सहमति की अपील – “यह आतंक बनाम मानवता की लड़ाई है”
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस की विचारधारा को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए सभी राष्ट्रवादी दलों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से राष्ट्रीय एकता के लिए आगे आने की अपील की: “यह मुद्दा वामपंथ या दक्षिणपंथ का नहीं है, यह सही बनाम ग़लत, आतंक बनाम मानवता का विषय है। आतंकी विचारधारा और उन्हें पालने वाले देशों को किसी भी रूप में समर्थन नहीं मिलना चाहिए।”
राजेश्वर सिंह का यह वक्तव्य क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य-पूर्व में ईरान-इज़राइल संघर्ष गहराता जा रहा है।
- भारत को भी इस संघर्ष के राजनयिक और कूटनीतिक प्रभावों से जूझना पड़ रहा है।
- कांग्रेस के कुछ नेताओं के ईरान समर्थक बयानों ने भाजपा को राजनीतिक हमले का मौका दे दिया है।
डॉ. राजेश्वर सिंह का यह बयान न केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है, बल्कि यह संदेश भी है कि भारत की विदेश नीति केवल कूटनीतिक संतुलन नहीं, नैतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भारत की सुरक्षा और वैश्विक शांति के खिलाफ खड़ी होकर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है।
वर्तमान हालात में उनका यह रुख भाजपा की स्पष्ट राष्ट्रवादी नीति का हिस्सा भी है और आगामी चुनावी विमर्श को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है।