
- उत्तर प्रदेश सरकार ने मोहाली में महाकुंभ-2025 के प्रचार के लिए भव्य रोड शो आयोजित किया।
- मोहाली में प्रयागराज महाकुंभ-2025 के रोड शो में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, होमगार्ड्स नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति और राज्य मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान बलदेव सिंह ओलख।
- महाकुंभ-2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना, सभी व्यवस्थाएं डिजिटल और आधुनिक होंगी।
- महाकुंभ को स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और हरित बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं।
- 44 घाटों पर पुष्प वर्षा, रिवर फ्रंट का विकास, और स्मार्ट पार्किंग जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ के दौरान तकनीकी विधियों से श्रद्धालुओं की हेड काउंटिंग की व्यवस्था की है।

लखनऊ, 30 दिसम्बर, 2024: उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी महाकुंभ-2025 के आयोजन के लिए व्यापक तैयारियों की घोषणा की है। राज्य सरकार का उद्देश्य इस महाकुंभ को न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक प्रमुख प्रतीक बनाना है। इस दिशा में, उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, होमगार्ड्स और नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति और राज्य मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान बलदेव सिंह ओलख ने मोहाली में एक भव्य रोड शो का आयोजन किया। इस रोड शो का उद्देश्य महाकुंभ-2025 की तैयारियों को व्यापक रूप से प्रचारित करना था और पंजाब के नागरिकों को इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लेने के लिए प्रेरित करना था।
महाकुंभ-2025 की महत्वाकांक्षी तैयारियां:
रोड शो के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने महाकुंभ-2025 की तैयारी और उसके उद्देश्य को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ, भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, और सामाजिक समरसता का प्रतीक है, और यह आयोजन भारत की विविधता में एकता का अद्वितीय उत्सव है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार महाकुंभ-2025 और भी दिव्य और भव्य होगा।
उनके अनुसार, महाकुंभ-2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं, साधु-संतों, कल्पवासियों, और पर्यटकों के आने की संभावना है। इन तैयारियों में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी तरह से समयबद्ध तरीके से समुचित प्रबंध किए हैं।
स्वच्छ, सुरक्षित और डिजिटल महाकुंभ का संकल्प:
लक्ष्मी नारायण चौधरी ने महाकुंभ-2025 को एक स्वच्छ, सुरक्षित, और डिजिटल आयोजन बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह महाकुंभ सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त होगा, और मेला क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके तहत, करीब 400 स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ स्वच्छता पर बैठकें आयोजित की गई हैं। 4 लाख बच्चों और प्रयागराज की पांच गुना जनसंख्या तक स्वच्छ महाकुंभ का संदेश पहुंचाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, “हर घर दस्तक” अभियान के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त अभियान को घर-घर पहुंचाने की योजना है।
श्री चौधरी ने यह भी बताया कि महाकुंभ-2025 को हरियाली से भरने के लिए पूरे प्रयागराज में तीन लाख पौधों का रोपण किया गया है, और इन पौधों का संरक्षण उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं:
महाकुंभ-2025 के आयोजन को एक स्वस्थ महाकुंभ बनाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल की व्यापक व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक बड़ी टीम तैनात की गई है। मेला क्षेत्र में 100 बेड का एक अस्पताल बनाया गया है, और 20 बेड के दो और 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, परेड ग्राउंड और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू भी बनाए गए हैं। इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी और मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड, डिलीवरी रूम और इमरजेंसी वार्ड भी तैयार किए गए हैं।
डिजिटल महाकुंभ और तकनीकी व्यवस्थाएं:
महाकुंभ-2025 को एक डिजिटल महाकुंभ बनाने के लिए राज्य सरकार ने अत्याधुनिक तकनीकी व्यवस्थाएं लागू की हैं। इसमें महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, एआई चैटबॉट, क्यूआर कोड आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, और स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, ड्रोन आधारित निगरानी और आपदा प्रबंधन प्रणाली भी तैयार की गई है।
महाकुंभ के आयोजन स्थल की सभी व्यवस्थाओं को एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा, जिससे प्रशासन को भीड़-भाड़ और अन्य व्यवस्थाओं पर नज़र रखने में मदद मिलेगी।
स्मार्ट पार्किंग और जल आपूर्ति की व्यवस्था:
महाकुंभ के आयोजन के दौरान पार्किंग की समस्या से श्रद्धालुओं को न जूझना पड़े, इसके लिए 101 स्मार्ट पार्किंग बनाई गई हैं। इन पार्किंग स्थलों पर प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, महाकुंभ में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से जल आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखी जाएगी।
44 घाटों पर पुष्प वर्षा और रिवर फ्रंट का विकास:
महाकुंभ के दौरान 44 घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव मिलेगा। इसके साथ ही, गंगा के किनारे रिवर फ्रंट का भी विकास किया गया है, जो संगम से नागवासुकी मंदिर तक फैला होगा। इस रिवर फ्रंट का निर्माण मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर किया गया है।
हेड काउंटिंग और सुरक्षा के लिए तकनीकी उपाय:
महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत बड़ी होगी, इसलिए राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की हेड काउंटिंग के लिए तकनीकी उपायों को अपनाया है। इसमें एट्रिब्यूट आधारित खोज, आरएफआईडी रिस्ट बैंड, और मोबाइल ऐप द्वारा लोकेशन ट्रैकिंग जैसी विधियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन तकनीकी उपायों से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सही संख्या का अनुमान और उनका प्रबंधन किया जा सकेगा।
महाकुंभ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भूमिका:
इस अवसर पर, होमगार्ड्स और नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि महाकुंभ केवल एक मेला नहीं, बल्कि भारत की अनेकता में एकता का प्रतीक है। यह पर्व भारतीय समाज की सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।
राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने भी महाकुंभ के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारंपरिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार महाकुंभ-2025 के आयोजन को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाने के लिए कृतसंकल्प है।
प्रयागराज महाकुंभ-2025 के आयोजन की तैयारियां उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता और महाकुंभ के महत्व को प्रदर्शित करती हैं। यह महाकुंभ न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करेगा, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति की ताकत और एकता का संदेश भी देगा।