HomeDaily Newsपर्यावरण संरक्षण और आग से बचाव पर सरोजनीनगर विधायक ने दिए महत्वपूर्ण...

पर्यावरण संरक्षण और आग से बचाव पर सरोजनीनगर विधायक ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव: आग से विश्वभर में भारी नुकसान, सतर्कता और समाधान की आवश्यकता- डॉ. राजेश्वर सिंह

पर्यावरण संरक्षण और आग से बचाव पर सरोजनीनगर विधायक ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव: आग से विश्वभर में भारी नुकसान, सतर्कता और समाधान की आवश्यकता- डॉ. राजेश्वर सिंह
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने बताया कि वैश्विक स्तर पर जंगल की आग से 2023 में 1.19 करोड़ हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई, जिससे भारी आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान हुआ।
  • 2001-2023 के दौरान 16.5 लाख हेक्टेयर वृक्ष आवरण नष्ट हुआ, 2023-24 में 2,03,544 फायर स्पॉट दर्ज किए गए, जिसमें उत्तराखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ सबसे अधिक प्रभावित रहे।
  • जलवायु संरक्षण, वन संरक्षण, एआई आधारित आग पहचान प्रणाली, और अग्निशमन क्षमता बढ़ाने जैसे कदम आग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।
  • उत्तर प्रदेश में 210 करोड़ पौधे लगाए गए, जिससे वन क्षेत्र 559.19 वर्ग किलोमीटर बढ़ा, और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया गया।
  • रुद्राक्ष वृक्षारोपण, 50 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता, जल संरक्षण परियोजनाएं और प्लास्टिक मुक्त अभियान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

लखनऊ: आग और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुए सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट साझा किया। उन्होंने आग से होने वाले वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे नुकसान का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की चर्चा की।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट कर विधायक ने लिखा आग विश्व भर और भारत में भारी नुकसान का कारण बन रही है। वैश्विक स्तर पर, 2023 में जंगल की आग ने 90 लाख हेक्टेयर वृक्ष आवरण को नष्ट किया, जबकि कुल आग से संबंधित हानि 1.19 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंची। आर्थिक रूप से, अमेरिका में जंगल की आग से सालाना 3.94 से 8.93 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है, जिसमें 2025 के लॉस एंजिल्स की आग से 2.50-2.75 लाख करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है।

विधायक ने आगे जोड़ा भारत में, 2001 से 2023 तक 16.5 लाख हेक्टेयर वृक्ष आवरण नष्ट हुआ, जिससे देश वैश्विक सूची में 45वें स्थान पर है। 2023-24 की गर्मियों में 2,03,544 फायर स्पॉट दर्ज किए गए, जो 2021-22 के 2,23,333 से कम हैं, फिर भी उत्तराखंड (21,033 घटनाएं), ओडिशा (20,973), और छत्तीसगढ़ (18,950) सबसे प्रभावित रहे। जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और मानवीय गतिविधियां इस संकट को बढ़ा रही हैं, जिससे मानव जीवन, पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।

आग से होने वाली हानि को कम करने की रणनीतियां : आग लगने से होने वाली घटनाओं के प्रभाव को कम करने की रणनीतियों पका उल्लेख करते हुए विधायक ने आगे जोड़ा आग को पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं, क्योंकि यह प्रकृति का हिस्सा है, लेकिन इसके प्रभाव को कम करना संभव है:

जलवायु संरक्षण: उत्सर्जन में कटौती और वृक्षारोपण से आग की तीव्रता घटाई जा सकती है।
रोकथाम: अपशिष्टों आदि के जलाने पर नियंत्रण, कृषि आग पर नियमन (भारत में 95% आग मानव-जनित), और वन संरक्षण।
तकनीक: बिजली ग्रिड का उन्नयन, एआई आधारित आग पहचान, और अग्नि-रोधी घर।
तैयारी: अग्निशमन क्षमता बढ़ाना, समुदायों को शिक्षित करना, और बीमा विस्तार।
सहयोग: वैश्विक और राष्ट्रीय डेटा (जैसे भारत का वन सर्वेक्षण) साझा कर बेहतर प्रबंधन।
पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण: सुरक्षित भविष्य की नींव

पर्यावरण संरक्षण के प्रभाव :
सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने पोस्ट में उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को रेखांकित करते हुए लिखा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में 210 करोड़ पौधे लगाए गए, जिससे राज्य में वन क्षेत्र 559.19 वर्ग किलोमीटर बढ़ा। राज्य के मुख्यमंत्री के संकल्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के अनुरूप सरोजनी नगर में वृक्षारोपण और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सरोजनीनगर में सतत विकास के लिए हरित पहल : विधायक डॉ. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर किये अपने पोस्ट में जानकारी देते हुए लिखा :
वृक्षारोपण: रुद्राक्ष वृक्षारोपण महा अभियान के तहत 200 रुद्राक्ष पौधे लगाए गए, जिससे जैव-विविधता समृद्ध हुई।
हरित ऊर्जा: करीब 50 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की गई, साथ ही 1,000 से अधिक सौर स्ट्रीटलाइट और 125 से अधिक स्ट्रीट मास्ट लगाए गए।
इको फ्रेंडली अभियान: 25,000 से अधिक इको फ्रेंडली बैग छात्र- छात्राओं को वितरित किए गए, जिससे प्लास्टिक उपयोग कम हुआ।
जल संरक्षण: तीन तालाबों का विकास कर भूजल पुनर्भरण बढ़ाया गया। दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) कार्यरत हैं, दो निर्माणाधीन हैं। तीन झीलों का विकास हुआ, एक और झील के विकास का कार्य प्रक्रियाधीन है।

अंत में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लिखा ये समर्पित पहल पर्यावरण संरक्षण, वनीकरण और स्थिरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं, जो एक हरियाली भरे, स्वच्छ और अधिक फ्लेक्सिबल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments