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डॉ. राजेश्वर सिंह ने आशियाना उपवन में ‘विश्व हिंदू परिषद धर्म रक्षा निधि’ कार्यक्रम में लिया हिस्सा

  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ मंत्र के साथ धर्म रक्षा का संदेश दिया।
  • विश्व हिंदू परिषद ने 80 देशों में अपनी पहुंच और 40 देशों में सक्रिय कार्य स्थापित किया।
  • परिषद के 85,000 समितियों और 61,000 संयोजकों ने हिंदू समाज को एकजुट किया।
  • 40 वेद विद्यालय, 150 छात्रावास, और 127 अस्पताल परिषद के सेवाभाव का प्रमाण हैं।
  • डॉ. सिंह ने धर्म, समाज, और संस्कृति की रक्षा में योगदान देने का आह्वान किया।

लखनऊ: उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना उपवन में आयोजित ‘विश्व हिंदू परिषद धर्म रक्षा निधि’ कार्यक्रम में सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं की रक्षा के लिए अपने विचार व्यक्त करते हुए संगठन के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने विनम्रता के साथ अपनी समर्पण राशि अर्पित की।

डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “धर्मो रक्षति रक्षितः”, जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म भी उसकी रक्षा करता है। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की और इसे धर्म व समाज की सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।

विश्व हिंदू परिषद: धर्म और संस्कृति के लिए समर्पित संगठन

विश्व हिंदू परिषद का उद्देश्य हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का संरक्षण और संवर्धन है। इस कार्यक्रम में परिषद के अनेक उपलब्धियों और प्रयासों को रेखांकित किया गया।

विश्व हिंदू परिषद का समाज और मानव सेवा में योगदान:

1. श्री राम जन्मभूमि आंदोलन

2. अमरनाथ यात्रा रक्षा आंदोलन

3. राम सेतु रक्षा आंदोलन

4. गंगा रक्षा आंदोलन

5. बूढ़ा अमरनाथ यात्रा संरक्षण

वैश्विक उपस्थिति:
  • परिषद ने विश्व के 80 देशों में अपनी पहुंच बनाई और 40 देशों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
  • परिषद के कार्यकर्ताओं ने दुनिया भर में हिंदू समाज को एकजुट करने में योगदान दिया।
संगठन का संरचनात्मक कार्य:
  • 85,000 समितियां भारत के 50,000 से अधिक शहरों और गांवों में बनाई गईं।
  • 61,000 संयोजक और लाखों कार्यकर्ताओं ने हिंदू समाज के स्वाभिमान और धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया।
शिक्षण और सेवा के क्षेत्र में कार्य:

1. 40 वेद विद्यालयों के माध्यम से संस्कृत और वेदों का संरक्षण।

2. 150 छात्रावास और 56 प्रशिक्षण केंद्र छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान।

3. 127 अस्पताल, 36 एंबुलेंस, और 20 मोबाइल डिस्पेंसरी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए।

4. 33,000 सत्संगों के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट कर संस्कार प्रदान किए।

5. 35 प्रकार की जीवनरक्षक औषधियों का निर्माण कर मानव सेवा में योगदान।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि और पदाधिकारी

इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे:

विजय प्रताप, अवध प्रांत संगठन मंत्री।

देवेंद्र मिश्रा, प्रांत मंत्री।

मनोज शर्मा, जिलाध्यक्ष।

राज कुमार शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष।

रवि श्रीवास्तव, श्रम विभाग उपायुक्त।

संदीप सिंह गौर, खजाना व्यापार मंडल अध्यक्ष।

श्याम जी त्रिपाठी, बाल संरक्षण आयोग सदस्य।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने इन सभी अतिथियों और परिषद के समर्पित कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।

डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश

डॉ. राजेश्वर सिंह ने परिषद के प्रयासों को धर्म और संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा:

“विश्व हिंदू परिषद का कार्य समाज को जागरूक करना और एकजुट करना है।”

उन्होंने सभी को धर्म, संस्कृति और समाज के प्रति अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

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