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जेल में बंद चार भारतीय-अमेरिकियों को बड़ी राहत, राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ने से पहले बाइडेन ने जारी किया माफ़ी का आदेश

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ने से पहले चार भारतीय-अमेरिकियों सहित लगभग 1500 लोगों को क्षमादान दिया है। इन्हें 17 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई गई है। क्षमादान पाने वाले ये चार भारतीय-अमेरिकी हैं- मीरा सचदेव, बाबूभाई पटेल, कृष्णा मोटे और विक्रम दत्ता। बाइडेन ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका, संभावना और दूसरा मौका देने के वादे पर बना है। राष्ट्रपति के रूप में मुझे उन लोगों पर दया दिखाने का बड़ा सौभाग्य मिला है जिन्होंने पश्चाताप और पुनर्वास किया।

माफ हुई 1,500 लोगों की सजा

अमेरिका ने अहिंसक अपराधियों, विशेष रूप से मादक पदार्थों के अपराधों के दोषियों के लिए सजा में असमानताओं को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आज मैं उन 39 लोगों को क्षमा कर रहा हूं, जिन्होंने पुनर्वास किया और अपने समुदायों को मजबूत तथा सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं लगभग 1,500 लोगों की सजा माफ कर रहा हूं।’’ एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में क्षमादान देने की हाल के दिनों की यह इकलौती घटना है।

मीरा सचदेव

दिसंबर 2012 में मीरा सचदेव को मिसिसिपी के एक कैंसर सेंटर में धोखाधड़ी करने के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई गई थी और उन्हें करीब 82 लाख अमेरिकी डॉलर वापस करने का आदेश दिया गया था। अब वह 63 वर्ष की हैं।

बाबूभाई पटेल

बाबूभाई पटेल को 2013 में स्वास्थ्य सेवा में धोखाधड़ी, मादक पदार्थ के संबंध में साजिश तथा संबंधित धोखाधड़ी और मादक पदार्थ उल्लंघन के लिए 26 मामलों में 17 वर्ष की सजा सुनाई गई थी।

कृष्णा मोटे

वर्ष 2013 में ही 54 वर्षीय कृष्णा मोटे को 280 ग्राम से अधिक क्रैक कोकीन और 500 ग्राम से अधिक कोकीन वितरित करने की साजिश रचने तथा क्रैक कोकीन वितरित करने का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

विक्रम दत्ता

विक्रम दत्ता (63) को जनवरी 2012 में मैनहट्टन संघीय अदालत ने 235 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें मैक्सिको के एक मादक पदार्थ गिरोह के लिए काम करने का दोषी पाया गया था।

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