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क्या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी एक बार फिर सही साबित हुई? पोप को लेकर कही थी ये बात

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस (Nostradamus) को उनके द्वारा की गई भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है। नास्त्रेदमस ने अपनी किताब लेस प्रोफेसीस में कई भविष्यवाणियां की हैं। इनमें से उनके द्वारा की गई कई भविष्यवाणियां सही भी हुई हैं। कोरोना वायरस, 9/11 हमला, हिटलर का उदय और 1666 में लंदन के भीषण अग्निकांड जैसी कई भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं। नास्त्रेदमस ने पोप फ्रांसिस को लेकर भी अपनी किताब में भविष्यवाणी की थी, जो कि सच हुई है। अब पोप फ्रांसिस के निधन के बाद एक बार फिर पोप फ्रांसिस की भविष्यवाणियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

पोप फ्रांसिस का हुआ निधन

दरअसल, ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया है। उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। पोप फ्रांसिस हाल ही में रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती थे। वह फेफड़े के जटिल संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण उनके गुर्दे में भी खराबी के शुरुआती चरण नजर आने लगे थे। इससे पहले, 2021 में वह रोम के इसी जेमेली अस्पताल में 10 दिन तक भर्ती थे। वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “पोप फ्रांसिस का ईस्टर सोमवार, 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर निधन हो गया।”

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी

नास्त्रेदमस ने पोप को लेकर कहा था कि वेटिकन सिटी के वृद्ध पोप की मौत के बाद एक युवा रोमन नागरिक का पोप के पद पर चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह युवा रोमन धर्म गुरु लंबे समय तक पोप के पद पर काबिज रहेंगे। हालांकि, इनके द्वारा कई गलत फैसले लिए जाएंगे, जिस वजह से लोगों में इन्हें कम पसंद करेंगे।

कौन थे नास्त्रेदमस

बता दें कि नास्त्रेदमस फ्रांस मूल रूप से फ्रांस के रहने वाले थे। उन्हें विश्वविख्यात भविष्यवक्ता के तौर पर जाना जाता है। नास्त्रेदमस ने 1555 में लेस प्रोफेसीस नाम की एक किताब लिखा, जिसमें 942 चार-पंक्तियों वाली कविताएं शामिल हैं। इन कविताओं को लोग भविष्यवाणियों से जोड़कर देखते हैं। इन भविष्यवाणियों में से ज्यादातर सत्य भी साबित हुई हैं, इसलिए लोगों का विश्वास भविष्य को लेकर कही गई उनकी बातों पर बढ़ गया है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ) 

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