
कौशाम्बी/फ़तेहपुर, 17 दिसम्बर 2024: महेवाघाट थाना क्षेत्र के टिकरा गांव में मंगलवार की सुबह ओवरलोड डंपर की टक्कर से मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क पर चक्का जाम कर दिया, जिससे कई घंटों तक यातायात बाधित रहा।
घटना का विवरण

टिकरा गांव निवासी नीरज पांडेय (25) अपनी मां जयंती उर्फ रानी पांडेय (44) को बाइक पर लेकर मंझनपुर जिला अस्पताल इलाज के लिए जा रहे थे। हिनौता मोड़ के पास पीछे से तेज रफ्तार और अनियंत्रित ओवरलोड डंपर ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में मां-बेटे दोनों सड़क पर गिर गए और डंपर के पहिए के नीचे कुचले गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
प्रशासन की लापरवाही पर ग्रामीणों का आक्रोश

घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और ओवरलोडिंग व प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
महेवा घाट पुलिस ने सीमा विवाद का हवाला देते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से इनकार कर दिया, जिसके कारण आक्रोश और बढ़ गया। बाद में, फतेहपुर जिले के धाता थाना क्षेत्र का मामला होने पर धाता पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
ओवरलोडिंग पर रोक लगाने में प्रशासन विफल
रामनगर बालू घाट से लगातार हो रही ओवरलोडिंग का मामला पहले से ही विवादों में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिले में ओवरलोडिंग पर कोई अंकुश नहीं लग पाया है। प्रशासनिक अनदेखी और अवैध खनन के कारण राहगीरों को जान का खतरा बना हुआ है।
मां-बेटे की मौत से परिवार में मातम
हादसे के बाद मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
प्रश्नचिन्ह प्रशासन पर
महेवाघाट थानाक्षेत्र के रामनगर बालू घाट में लगातार हो रही ओवरलोडिंग और प्रशासन की उदासीनता ने इस दुखद हादसे को जन्म दिया। यह सवाल उठता है कि जिम्मेदार कौन है, और क्या ऐसी घटनाओं पर रोक लग पाएगी? जबकि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में अवैध खनन व ओवरलोडिंग के संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं लेकिन यहाँ अभी स्थिति जस की तस बनी हुई है।