
- 100 नेबुलाइजर गरीब मरीजों के लिए दान किए गए।
- केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने विभाग के प्रयासों की सराहना की।
- डॉ. सूर्यकांत ने सीएसआर योजना के माध्यम से इस पहल को मूर्त रूप दिया।
- ग्लेनमार्क फाउंडेशन ने इस कार्यक्रम को समाजसेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
- विभाग पहले भी सीएसआर योजना के तहत पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर और हर्बल पार्क जैसी पहल कर चुका है।
लखनऊ, 16 दिसम्बर 2024: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (के.जी.एम.यू.) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को गरीब मरीजों की सेवा के उद्देश्य से ग्लेनमार्क फाउंडेशन, मुंबई द्वारा 100 नेबुलाइजर दान किए गए। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी’ (सीएसआर) के तहत आयोजित हुआ, जो बड़े कॉर्पोरेट घरानों को समाज कल्याण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस पहल से असमर्थ मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ.सूर्यकांत ने बताया कि नेबुलाइजर एक जीवनरक्षक उपकरण है, जो सांस की दवाइयों को सीधे फेफड़ों तक पहुँचाने का काम करता है। यह उपकरण न केवल इमरजेंसी में बल्कि घर पर भी उपयोगी होता है। यह बलगम को पतला करने, सूजन कम करने और सांस की नलियों को खोलने में मदद करता है।
गरीब मरीजों के लिए वरदान
डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि विभाग में अधिकतर मरीज गरीब तबके से आते हैं। जब इन्हें नेबुलाइजर खरीदने की सलाह दी जाती है, तो कई मरीज इसे खरीदने में असमर्थ रहते हैं। इसी समस्या को देखते हुए, विभाग ने सीएसआर योजना के तहत ग्लेनमार्क फाउंडेशन से सहयोग का अनुरोध किया। फाउंडेशन के प्रतिनिधि श्री हरिशंकर यादव और उनकी टीम ने इस नेक कार्य को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में केजीएमयू की कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने विभाग की सराहना करते हुए कहा कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग समाजिक सरोकार के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रहा है। उन्होंने विभाग को भविष्य में और भी बड़े प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ और योजनाएँ
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने पहले भी सीएसआर योजना के तहत कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2022 में सिप्ला फाउंडेशन द्वारा उत्तर प्रदेश का पहला पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर स्थापित किया गया, जो निःशुल्क सेवाएँ प्रदान करता है। इसके अलावा, रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ के सहयोग से ‘रोटरी रेस्पिरेटरी हर्बल पार्क’ की स्थापना की गई। इस पार्क में औषधीय पौधों के साथ-साथ खूबसूरत पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि विभाग भविष्य में भी सीएसआर योजना के तहत संस्थाओं से जुड़कर गरीब मरीजों को और अधिक लाभ पहुँचाने का प्रयास करेगा। उन्होंने ग्लेनमार्क फाउंडेशन और इस कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।