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कांग्रेस अध्यक्ष के पुत्र द्वारा RSS पर प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद सरोजिनी नगर विधायक ने दी चेतावनी: बोले- जो संघ को मिटाने की सोचते हैं, वे भारत की चेतना से टकरा रहे हैं

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश: भारत की सुरक्षा शक्ति का नया केंद्र बना सरोजनीनगर- डॉ. राजेश्वर सिंह
  • संघ पर प्रतिबंध की बात! कांग्रेस ने भारत की आत्मा पर उठाया हाथ: डॉ. राजेश्वर सिंह

RSS राष्ट्र की रगों में है, उसे मिटाना भारत को मिटाना है: डॉ. राजेश्वर की चेतावनी

“संघ रहेगा, भारत बनेगा!” — कांग्रेस को डॉ. राजेश्वर सिंह का दो टूक जवाब

वंशवाद बनाम राष्ट्रवाद: संघ पर प्रतिबंध की धमकी को डॉ. सिंह ने बताया राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र

  • संघ मिटेगा नहीं, ये संकल्प है! प्रियांक खड़गे के बयान पर गरजे डॉ. राजेश्वर सिंह

संघ पर वार, भारत की संस्कृति पर प्रहार: कांग्रेस की मंशा पर उठे गंभीर सवाल

संघ से डर रही है वंशवादी राजनीति? डॉ. राजेश्वर ने कांग्रेस से पूछे सीधे सवाल

जो संघ को मिटाने की सोचते हैं, वे भारत की चेतना से टकरा रहे हैं: राजेश्वर सिंह का प्रहार

“RSS भारत की धड़कन है” – डॉ. सिंह ने कांग्रेस की मंशा को आंकड़ों सहित किया बेनकाब

लखनऊ। कर्नाटक सरकार में मंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद देशभर में तीव्र प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। इस विषय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरोजनीनगर के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से एक सशक्त वक्तव्य जारी किया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “RSS मात्र एक संस्था नहीं, यह राष्ट्र चेतना है, यह भारत की आत्मा है। जिस संगठन को प्रतिबंधित करने की बात की जा रही है, वह भारत की मिट्टी से उपजा, भारत माता की सेवा में सतत समर्पित संगठन है।”

डॉ. सिंह ने इस बयान को कांग्रेस की विचारधारा की दिवालियापन और भारत विरोधी सोच का परिचायक बताते हुए कहा कि यह वही मानसिकता है, जो सदियों से भारत की संस्कृति को कुचलने के प्रयास करती रही है, और अब यह प्रयास कांग्रेस के वंशवादी मंच से हो रहा है।

RSS – भारत की सेवा, सुरक्षा और संस्कृति का संवाहक

अपने वक्तव्य में डॉ. राजेश्वर सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्र निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए निम्नलिखित तथ्य साझा किए:

संघ कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि भारत की धड़कन है।

1 करोड़ से अधिक प्रशिक्षित स्वयंसेवक, 61,045 दैनिक शाखाएँ, 80 से अधिक आनुषांगिक संगठन, 55,000 से अधिक गाँवों तक सेवा विस्तार और 40 से अधिक देशों में वैश्विक उपस्थिति इसका प्रमाण है।

इतिहास साक्षी है – जब-जब संकट आया, संघ सबसे आगे खड़ा हुआ

डॉ. राजेश्वर सिंह ने विभिन्न कालखंडों का उल्लेख करते हुए बताया कि:

  • 1947 में विभाजन के समय संघ ने 3,000 से अधिक राहत शिविरों के माध्यम से शरणार्थियों की सेवा की।
  • 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय संघ स्वयंसेवकों ने सेना की भरपूर सहायता की।
  • आपातकाल के दौरान हजारों स्वयंसेवकों ने लोकतंत्र की रक्षा हेतु जेलों में अमानवीय यातनाएँ सही।
  • गोवा और दादरा-नगर हवेली जैसे क्षेत्रों की आज़ादी में संघ की निर्णायक भूमिका रही। सेवा के क्षेत्र में RSS एक विश्वसनीय नाम

डॉ. सिंह ने आगे जोड़ा कि:

  • सेवा भारती के माध्यम से 35,000 एकल विद्यालयों में 10 लाख से अधिक छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
  • विद्या भारती के 20,000 विद्यालयों में 30 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
  • विवेकानंद केंद्र, वनवासी कल्याण आश्रम, लघु उद्योग भारती जैसे संगठन समाज के अंतिम छोर तक सेवा पहुंचा रहे हैं। तीन बार प्रतिबंध – तीन बार सत्य की विजय
    अपने बयान में विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि:
  • 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद,
  • 1975 में आपातकाल के समय,
  • 1992 में बाबरी ढांचा प्रकरण के समय—तीनों बार संघ पर प्रतिबंध लगा, लेकिन हर बार न्याय और सत्य की जीत हुई। संघ की निर्मल छवि – स्वयं गांधी, नेहरू, इंदिरा और प्रणव मुखर्जी कर चुके हैं प्रशंसा

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि:

  • महात्मा गांधी ने वर्धा में संघ के अनुशासन और समानता की प्रशंसा की थी।
  • पंडित नेहरू ने 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में स्वयं संघ को आमंत्रित किया था।
  • इंदिरा गांधी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल के उद्घाटन में सहभागिता की।
  • पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नागपुर में RSS को ‘राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला’ बताया था। कांग्रेस से स्पष्ट प्रश्न – क्या संघ से डरने लगी है वंशवादी राजनीति?

डॉ. सिंह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए पूछा:

  • क्या भारत के सबसे बड़े राष्ट्रसेवी संगठन को मिटाने की धमकी देना आपकी राजनीति की हताशा नहीं दर्शाता?
  • क्या अब वंशवाद की राजनीति इतनी असहाय हो गई है कि उसे संघ की सेवा और संघर्ष से भय लगने लगा है? संघ मिटेगा नहीं, संघ बढ़ेगा – भारत बनेगा

अपने वक्तव्य के अंत में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा:
“जो संघ पर प्रतिबंध की बात करता है, वह भारत की सेवा, सुरक्षा, संस्कृति और स्वाभिमान पर हमला करता है।
संघ मिटेगा नहीं – यह संकल्प है। संघ बढ़ेगा, समाज बढ़ेगा। संघ रहेगा, भारत बनेगा!”

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